धान-मोटे अनाज की बुवाई सामान्य क्षेत्र से आगे, कपास का रकबा 9 फीसदी से अधिक घटा

देश में इस साल धान-मोटे अनाज की अच्छी बुवाई हुई है, जिससे खरीफ फसलों का रकबा 2.15 फीसदी बढ़ी है। धान-मोटे अनाज की बुवाई पिछले पांच सालों के औसत सामान्य क्षेत्र से आगे बढ़ गई है। वहीं महत्वपूर्ण नकदी फसल कपास का क्षेत्र 9 फीसदी से अधिक घटा है

धान-मोटे अनाज की बुवाई सामान्य क्षेत्र से आगे, कपास का रकबा 9 फीसदी से अधिक घटा

देश में इस साल धान, दलहन और मोटे अनाज की अच्छी बुवाई हुई है। अच्छे मानसून के चलते धान की बुवाई पिछले पांच सालों के औसत सामान्य क्षेत्र से आगे बढ़ गई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुसार, 9 सितंबर तक 409.50 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हो चुकी है, जो औसत सामान्य क्षेत्र के 401.55 लाख हेक्टेयर से अधिक है। वहीं पिछले साल इस समय तक धान का क्षेत्र 393.57 लाख हेक्टेयर था। इसी तरह मोटे आनाज का क्षेत्र भी औसत सामान्य क्षेत्र के 180.86 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 188.72 लाख हेक्टेयर हो गया है। तिहलन की बुवाई अब तक 192.40 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो औसत सामान्य क्षेत्र के 190.18 लाख लाख हेक्टेयर क्षेत्र से आगे है। हालांकि, दलहन का रकाब अभी भी औसत सामान्य क्षेत्र से पीछे है। वहीं महत्वपूर्ण नकदी फसल कपास के क्षेत्र में 9 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।

खरीफ बुवाई 2.15 फीसदी बढ़ी 

खरीफ फसलों की बुवाई अब तक 1092.33 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले साल के 1069.29 लाख हेक्टेयर से 2.15 फीसदी अधिक है। हालांकि, खरीफ बुवाई औसत सामान्य क्षेत्र के 1095.84 लाख हेक्टेयर से पिछे है। 

दलहन का रकबा 7.5 फीसदी बढ़ा

दलहन की बुवाई में इस साल सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है। अब तक 126.20 लाख हेक्टेयर में दालों की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 117.39 लाख हेक्टेयर से 7.5 फीसदी अधिक है। दालों में अरहर की बुवाई का क्षेत्र सबसे अधिक है। अब तक 45.78 लाख हेक्टेयर में अरहर की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल इसी समय 40.74 लाख हेक्टेयर थी। मूंग की बुवाई अब तक 35.06 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। पिछले साल इस समय तक 31.05 हेक्टेयर में मूंग की बुवाई हुई थी। उड़द की बुवाई फिलहाल पिछड़ी है। अब तक 30.02 लाख हेक्टेयर में उड़द की बुवाई है, जो पिछले साल इस समय तक 31.71 लाख हेक्टेयर थी। वहीं, अन्य दालों की बुवाई अब तक 4.45 लाख हेक्टेयर में हुई है। पिछले साल इस समय तक इनका क्षेत्र 4.17 लाख हेक्टेयर था। 

बाजरा की बुवाई पिछड़ी 

मोटे अनाज की बुवाई 3.84 फीसदी बढ़ी है। अब तक 188.72 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मोटे अनाज की बुवाई हुई है, जो पिछले साल इस समय तक 181.74 लाख हेक्टेयर थी। मोटे अनाज में ज्वार की बुवाई अब तक 15.18 लाख हेक्टेयर, रागी की बुवाई 10.78 लाख हेक्टेयर, मक्के की बुवाई 87.27 लाख और बाजरा की बुवाई 69.81 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। मोटे अनाज में सिर्फ बाजरा की बुवाई पिछले साल से कम है।  

तिलहन की बुवाई में मामूली वृद्धि

तिलहन की बुवाई में 1.56 फीसदी की मामूली वृद्धि हुई है। अब तक 192.40 लाख हेक्टेयर में तिलहन की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 189.44 लाख थी। इसमें मूंगफली की बुवाई 47.49 लाख हेक्टेयर, सोयाबीन की बुवाई 125.11 लाख हेक्टेयर, सूरजमुखी की बुवाई 0.74 लाख हेक्टेयर और तील की बुवाई 10.95 लाख हेक्टेयर में की गई है। तिलहन में सिर्फ तील की बुवाई का क्षेत्र पिछले साल से घटा है।  

कपास का क्षेत्र में 9.12 फीसदी घटा 

गन्ने की बुवाई में हल्की वृद्धि हुई है, जिससे कुल क्षेत्रफल 57.68  लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल इस समय तक यह 57.11 लाख हेक्टेयर था। वहीं कपास की बुवाई में 9.12 फीसदी की गिरावट आई है। कपास का क्षेत्र पिछले साल के 123.39 लाख हेक्टेयर से घटकर सितंबर 2024 में 112.13 लाख हेक्टेयर रह गया है। जूट और मेस्टा की बुवाई भी 5.71 लाख हेक्टेयर तक सिमट गई है, जो पिछले साल की तुलना में कम है।

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