मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र को सोयाबीन की सरकारी खरीद के लिए प्रस्ताव भेजा

सोयाबीन की कीमतों के एमएसपी से कम होने के कारण किसानों की नाराजगी का सामना कर रही मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को सोयाबीन की सरकारी खरीद शुरू करने का प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया है। सरकार ने केंद्र से 4892 रुपये प्रति क्विंटल पर सोयाबीन की खरीद करने का आग्रह किया है

मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र को सोयाबीन की सरकारी खरीद के लिए प्रस्ताव भेजा

सोयाबीन की कीमतों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे जाने के चलते किसानों की नाराजगी झेल रही मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को सोयाबीन की सरकारी खरीद के लिए प्रस्ताव भेजने का फैसला लिया है। मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से सोयाबीन की सरकारी खरीद का आग्रह किया है। आगामी खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए केंद्र सरकार ने 4892 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी तय किया है। 

मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को भेजने का निर्णय लिया गया। बैठक के बाद नगरीय विकास एवं आवास, संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सोयाबीन की कम कीमतों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को सोयाबीन की खरीद का प्रस्ताव भेजने का फैसला लिया है। राज्य में इस साल सोयाबीन की अच्छी बुवाई हुई है, जिससे अच्छे उत्पादन का अनुमान है लेकिन कीमतों में आई गिरावट और किसानों की परेशानियों को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र को खरीद करने का प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र से अनुमति मिलने के बाद प्रदेश में सोयाबीन की खरीदी की जायेगी।

मध्य प्रदेश में सोयाबीन की कीमतों को लेकर किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश में सोयाबीन का भाव हाल ही के दिनों में 10 साल पुराने स्तर पर पहुंच गया था। 15 से 20 दिनों पहले प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन की कीमतें 3500 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गईं थी। हालांकि, किमतों में अब सुधार हुआ है और यह बढ़कर 4000 से 4500 रुपये प्रति क्विंटल के बीच आ गई हैं। मंडियों में अभी पुराना सोयाबीन आ रहा है। अगले महीने से मंडियों में नए सोयाबीन की आवक शुरू हो जाएगी। कारोबारियों का कहना है कि नया सोयाबीन आने पर अगर सरकारी खरीद नहीं होती है तों कीमतें और कम हो जाएंगी।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष केदार शंकर सिरोही ने रूरल वॉयस को बताया कि प्रदेश में सोयाबीन की कम कीमतों से किसान काफी परेशान है। उन्होंने कहा कि हाल ही केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के लिए सोयाबीन खरीद की अनुमति दी थी। लेकिन मध्य प्रदेश में खरीद शुरू करने के लिए अभी तक कोई आदेश नहीं आया है जबकि प्रदेश में सोयाबीन का अच्छा उत्पादन होता है और केंद्रीय कृषि मंत्री भी मध्य प्रदेश ही आते हैं। उन्होंने कहा कि एक तो किसानों को दाम नहीं मिल रहे हैं, उपर से अगर सरकार खरीद नहीं करेगी तो किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। 

प्रदेश भर के किसानों ने सोयाबीन की कम कीमतों को लेकर सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ रखी है। सोशल मीडिया के जरिए किसान लगातार सोयाबीन की कम कीमतों को लेकर आवाज उठा रहे हैं। हाल ही में 1 से 7 सितंबर तक प्रदेश के विभिन्न किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश के तत्वाधान में गांवों में पंचायत सचिवों के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजे थे। जिसमें सोयाबीन का दाम 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल तय करने की मांग की गई थी। 

Subscribe here to get interesting stuff and updates!