एफएसएसएआई की फूड कंपनियों को चेतावनी, नहीं कर सकते 100% फ्रूट जूस का दावा
एफएसएसएआई ने खाद्य उत्पाद से जुड़ी कंपनियां को अपने प्रोडक्ट्स पर 100% फ्रूट जूस का दावा हटाने का कहा है। एफएसएसएआई ने ऐसे विज्ञापनों को भ्रामक बताया है। इसके साथ ही एफएसएसएआई ने भ्रामक विज्ञापन करने वाली कंपनियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
खाद्य उत्पाद से जुड़ी कई जानी-मानी कंपनियां अपने डिब्बा बंद जूस और प्रोडक्ट्स पर '100 प्रतिशत फ्रूट जूस' होने का दावा करती है। लेकिन, अब कंपनियां ऐसा नहीं कर पाएंगी। दरअसल, खाद्य सुरक्षा नियामक भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने '100 प्रतिशत फ्रूट जूस' वाले दावे पर कड़ा ऐतराज जताया है। एफएसएसएआई ने इन दावों को भ्रामक बताते हुए कंपनियों को ऐसे विज्ञापन तुरंत हटाने को कहा है। इसके साथ ही एफएसएसएआई ने भ्रामक विज्ञापन करने वाली कंपनियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
1 सितंबर से पहले हटाने होंगे विज्ञपान
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने निर्देश जारी कर सभी खाद्य व्यापार संचालकों (FBO) को फ्रूट जूस के लेबल और विज्ञापनों से '100% फ्रूट जूस' के किसी भी दावे को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया है। सभी एफबीओ को 1 सितंबर, 2024 से पहले ऐसे सभी मौजूदा प्री-प्रिंटेड पैकेजिंग सामग्री को समाप्त करने का भी निर्देश दिया गया है।
गलत तरीके से हो रही मार्केटिंग
एफएसएसएआई ने अपने बयान में कहा, "कई एफबीओ विभिन्न प्रकार के फलों के रसों को 100% फ्रूट जूस होने का दावा कर गलत तरीके से बेच रहे हैं। गहन जांच के बाद, एफएसएसएआई ने निष्कर्ष निकाला है कि खाद्य सुरक्षा और मानक (विज्ञापन और दावे) विनियम, 2018 के अनुसार, '100%' दावा करने का कोई प्रावधान नहीं है।
भ्रामक दावे कर रहीं कंपनियां
एफएसएसएआई ने कहा है कि कंपनियों द्वारा किए जा रहे ऐसे दावे भ्रामक हैं। खासकर उन परिस्थितियों में जहां फ्रूट जूस का प्रमुख घटक पानी है और प्राथमिक घटक, जिसके लिए दावा किया जाता है, केवल सीमित सांद्रता में मौजूद है। या जब जूस को पानी और फलों के कंसंट्रेट या पल्प का उपयोग कर बनाया जाता है। ऐसे फ्रूट जूस को '100% फलों के रस' के रूप में बेचना गलत है। एफबीओ को खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियमन, 2011 के नियमों के तहत फलों के जूस के मानकों का अनुपालन करने के लिए कहा गया है।