अमूल पर अब तमिलनाडु में विवाद, मुख्यमंत्री स्टालिन ने दूध खरीद बंद करने का अमूल को निर्देश देने की अमित शाह से की मांग
कर्नाटक के दूध ब्रांड नंदिनी से विवाद के बाद अब तमिलनाडु में अमूल का राज्य के दूध ब्रांड आविन से विवाद शुरू हो गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अमूल को आविन के इलाकों से दूध खरीदने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की है। इसे देखते हुए एक बार फिर से अमूल का मामला राजनीतिक विवाद खड़ा कर सकता है।
कर्नाटक के दूध ब्रांड नंदिनी से विवाद के बाद अब तमिलनाडु में अमूल का राज्य के दूध ब्रांड आविन से विवाद शुरू हो गया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अमूल को आविन के इलाकों से दूध खरीदने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की है। इसे देखते हुए एक बार फिर से अमूल का मामला राजनीतिक विवाद खड़ा कर सकता है।
स्टालिन ने अपने पत्र में कहा है, "हमारे संज्ञान में आया है कि कैरा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (अमूल) ने कृष्णागिरी जिले में चिलिंग सेंटर और प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए अपने बहु-राज्य सहकारी लाइसेंस का उपयोग किया है और दूध खरीद की योजना बनाई है। किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से राज्य के कृष्णागिरी, धर्मपुरी, वेल्लोर, रानीपेट, तिरुपथुर, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जिलों में अमूल दूध खरीद रही है।”
उन्होंने अमित शाह से अनुरोध किया है कि गुजरात की डेयरी दिग्गज अमूल को तत्काल प्रभाव से राज्य में दूध की खरीद बंद करने का निर्देश दिया जाए। शाह को लिखे पत्र में उन्होंने तमिलनाडु मिल्क शेड एरिया में कैरा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ (अमूल) द्वारा दूध की खरीद से जुड़े मुद्दों पर केंद्र का ध्यान आकर्षित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है, "भारत में यह आदर्श परंपरा है कि सहकारी समितियों को एक-दूसरे के मिल्क शेड एरिया का उल्लंघन किए बिना फलने-फूलने दिया जाए। दूसरे के क्षेत्र में जाकर की जाने वाली खरीद ऑपरेशन व्हाइट फ्लड (दुग्ध क्रांति) की भावना के खिलाफ है। मौजूदा दूध की कमी के परिदृश्य को देखते हुए इससे उपभोक्ताओं के लिए समस्याएं बढ़ेंगी। अमूल का यह काम आविन (टीएन को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन) के मिल्क शेड एरिया का उल्लंघन करता है जिसे दशकों से सच्ची सहकारी भावना से पोषित किया गया है।"
उन्होंने कहा कि अमूल के इस कदम से दूध और दुग्ध उत्पादों की खरीद और मार्केटिंग में लगी सहकारी समितियों के बीच अनहेल्दी प्रतिस्पर्धा पैदा होगी। क्षेत्रीय सहकारी समितियां राज्यों में डेयरी विकास की आधारशिला रही हैं। वे उत्पादकों को शामिल करने और पोषण करने और उपभोक्ताओं को मनमाने मूल्य वृद्धि से बचाने के लिए बेहतर स्थिति में हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, "इसलिए मैं अमूल को तत्काल प्रभाव से तमिलनाडु में आविन के मिल्क शेड क्षेत्र से दूध की खरीद बंद करने का निर्देश देने के लिए आपके तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करता हूं।"
स्टालिन ने कहा कि अब तक अमूल तमिलनाडु में अपने उत्पादों को केवल अपने आउटलेट्स के माध्यम से बेच रहा था। तमिलनाडु में अन्य राज्यों की तरह ग्रामीण दुग्ध उत्पादकों और उपभोक्ताओं के लाभ के लिए 1981 से तीन स्तरीय डेयरी सहकारी प्रणाली प्रभावी ढंग से काम कर रही है। आविन तमिलनाडु का शीर्ष सहकारी विपणन संघ है। आविन के दायरे में 9,673 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रही हैं। वे लगभग 4.5 लाख सदस्यों से 35 लाख लीटर दूध रोजाना खरीदते हैं।