खरीफ बुवाई ने जोर पकड़ा, दलहन की बुवाई में 55 फीसदी की बढ़त
देश में खरीफ सीजन की सामान्य बुवाई का क्षेत्र लगभग 1096 लाख हेक्टेयर है। 8 जुलाई तक 378.72 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है। इस प्रकार खरीफ सीजन की लगभग 35 फीसदी बुवाई पूरी हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 14.10 फीसदी अधिक है।
जून के आखिरी और जुलाई के पहले सप्ताह में देश भर में हुई अच्छी बारिश से खरीफ की बुवाई ने जोर पकड़ लिया है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, 8 जुलाई तक देश के 378.72 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 14.10 फीसदी अधिक है। देश में खरीफ सीजन की सामान्य बुवाई का क्षेत्र लगभग 1096 लाख हेक्टेयर है। इस प्रकार खरीफ सीजन की लगभग 35 फीसदी बुवाई पूरी हो चुकी है।
धान की बुवाई 8 जुलाई तक करीब 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी है जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 19.36 फीसदी अधिक है। पिछले साल इस समय तक 50.26 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुवाई हुई थी। दलहन फसलों की बुवाई 36.81 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है जो पिछले साल की समान अवधि से 55 फीसदी अधिक है। दालों में सबसे ज्यादा बढ़त अरहर की बुवाई में हुई है जबकि मूंग की बुवाई पिछले साल के मुकाबले पिछड़ रही है। अरहर की बुवाई 20.82 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में और उड़द की बुवाई 5.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी है।
तिलहन की बुवाई में करीब 54 फीसदी की बढ़त है। हालांकि, मूंगफली की बुवाई का क्षेत्र लगभग 16 फीसदी कम है। लेकिन सोयाबीन की बुवाई पिछले साल के मुकाबले दोगुने से अधिक क्षेत्र में हो चुकी है। सूरजमुखी की बुवाई भी पिछले साल की समान अवधि से अधिक है। दाल और तिलहन की बुवाई का क्षेत्र बढ़ना देश की खाद्य सुरक्षा और महंगाई नियंत्रण के लिहाज से अच्छा संकेत है।
श्री अन्न व मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने के बावजूद इनकी बुवाई पिछले साल के मुकाबले करीब 29 फीसदी कम हुई है। पिछले साल 8 जुलाई तक 82 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में श्री अन्न व मोटे अनाजों की बुवाई हुई थी, जबकि इस साल 58.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही इनकी बुवाई हुई है। ज्वार की बुवाई करीब 49 फीसदी और बाजरा की बुवाई में 74 फीसदी पिछड़ रही है। हालांकि, मक्का की बुवाई में 36 फीसदी की बढ़त है।
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की प्रमुख फसल गन्ना की बुवाई पिछले साल के मुकाबले थोड़ी अधिक है। देश में गन्ने की बुवाई का क्षेत्र 56.88 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है जो गत वर्ष की समान अवधि से 2.58 फीसदी अधिक है। चालू खरीफ सीजन में कपास की बुवाई में 29.34 फीसदी की बढ़त है और अभी तक 80.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई हो चुकी है।
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून सीजन में एक जून से 8 जुलाई तक देश में सामान्य से दो फीसदी अधिक बारिश हुई है। उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से 11 प्रतिशत अधिक और दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्र में सामान्य से 13 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। जबकि मध्य भारत में सामान्य से 5 फीसदी कम बारिश हुई है। जुलाई में अच्छी बारिश की संभावना को देखते हुए अगले एक महीने में खरीफ की बुवाई अधिकांश क्षेत्रों में पूरी होने की संभावना है।
8 जुलाई तक खरीफ बुवाई की स्थिति (लाख हेक्टेयर में)
Crop | Normal Kharif Area | 2024 | 2023 | Increase/decrease | Change (%) |
Paddy | 401.55 | 59.99 | 50.26 | 9.73 | 19.36 |
Pulses | 136.02 | 36.81 | 23.78 | 13.03 | 54.79 |
Arhar | 45.55 | 20.82 | 4.09 | 16.73 | 409.05 |
Urdbean | 36.76 | 5.37 | 3.67 | 1.7 | 46.32 |
Moongbean | 36.99 | 8.49 | 11.79 | -3.3 | -27.99 |
Kulthi* | 1.90 | 0.08 | 0.07 | 0.01 | 14.29 |
Other pulses | 14.82 | 2.05 | 4.15 | -2.1 | -50.60 |
Shree Anna & Coarse Cereals | 180.86 | 58.48 | 82.08 | -23.6 | -28.75 |
Jowar | 16.01 | 3.66 | 7.16 | -3.5 | -48.88 |
Bajra | 72.63 | 11.41 | 43.02 | -31.61 | -73.48 |
Ragi | 10.96 | 1.02 | 0.94 | 0.08 | 8.51 |
Small millets | 4.47 | 1.29 | 0.75 | 0.54 | 72.00 |
Maize | 76.96 | 41.09 | 30.22 | 10.87 | 35.97 |
Oilseeds | 190.18 | 80.31 | 51.97 | 28.34 | 54.53 |
Groundnut | 45.28 | 17.85 | 21.24 | -3.39 | -15.96 |
Soybean | 122.95 | 60.63 | 28.86 | 31.77 | 110.08 |
Sunflower | 1.40 | 0.46 | 0.3 | 0.16 | 53.33 |
Sesamum** | 10.26 | 1.04 | 1.34 | -0.3 | -22.39 |
Niger | 1.22 | 0.19 | 0 | 0.19 | |
Castor | 9.07 | 0.1 | 0.2 | -0.1 | -50.00 |
Other Oilseeds | 0.00 | 0.04 | 0.04 | 0 | 0.00 |
Sugarcane | 51.15 | 56.88 | 55.45 | 1.43 | 2.58 |
Jute & Mesta | 6.74 | 5.63 | 6.02 | -0.39 | -6.48 |
Cotton | 129.34 | 80.63 | 62.34 | 18.29 | 29.34 |
Total | 1095.84 | 378.72 | 331.9 | 46.82 | 14.11 |
स्रोत: कृषि मंत्रालय, भारत सरकार