इंडोनेशिया को 10 लाख टन चावल निर्यात को कैबिनेट की मंजूरी, खुले बाजार से होगी खरीद

इंडोनेशिया को 10 लाख टन गैर-बासमती चावल के निर्यात के लिए भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय और इंडोनेशियाई सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ ट्रेड के बीच एक समझौता (एमओयू) किया जाएगा। सहकारिता मंत्रालय की ओर से निर्यात का जिम्मा राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) का होगा।

इंडोनेशिया को 10 लाख टन चावल निर्यात को कैबिनेट की मंजूरी, खुले बाजार से होगी खरीद

भारत सरकार ने इंडोनेशिया को 10 लाख टन गैर-बासमती चावल निर्यात के लिए समझौता करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बुधवार को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस फैसले के तहत इंडोनेशिया को 10 लाख टन गैर-बासमती चावल के निर्यात के लिए भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय और इंडोनेशियाई सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ ट्रेड के बीच एक समझौता (एमओयू) किया जाएगा। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सहकारिता मंत्रालय की ओर से निर्यात का जिम्मा राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) का होगा जबकि इंडोनेशिया की मिनिस्ट्री ऑफ ट्रेड की ओर से चावल आयात की जिम्मेदारी राष्ट्रीय खरीद एजेंसी BULOG को दी गई है। चावल के निर्यात पर प्रतिबंध के दौरान भी भारत सरकार ने एनसीईएल के माध्यम से परमिट प्रणाली के तहत मित्र देशों को चावल निर्यात किया था। यह राष्ट्रीय स्तर पर गठित तीन नई सहकारी समितियों में से एक है। एनसीईएल द्वारा चावल निर्यात के लिए कमर्शियल टर्म पर काम किया जाएगा और इसकी खरीद खुले बाजार से की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया को 10 लाख टन गैर-बासमती चावल निर्यात के लिए एनसीईएल केंद्र सरकार के बफर स्टॉक की बजाय खुले बाजार से चावल की खरीद करेगी। भारत सरकार ने जुलाई, 2023 में चावल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगा दी थी। यह प्रतिबंध सितंबर, 2024 में हटा लेकिन 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लागू कर दिया था। आखिरकार अक्टूबर में चावल निर्यात पर सभी पाबंदियां हटाई गईं। 

विश्व के सबसे बड़े चावल निर्यातक भारत के इस कदम से वैश्विक बाजार में चावल की कीमतों में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट आई थी। हालांकि, नवंबर के बाद कीमतों में सुधार हुआ है। इस साल अच्छे मानसून के कारण भारत में धान की बंपर पैदावार हुई। खरीफ सीजन 2024-25 में देश में चावल उत्पादन 11.99 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। जबकि खरीफ सीजन 2023-24 में चावल उत्पादन 11.32 करोड़ टन चावल तक पहुंच गया था। फिलहाल सरकारी गोदामों में चावल का पर्याप्त बफर स्टॉक है, और खुदरा कीमतें भी नियंत्रण में हैं। ऐसे में इंडोनेशिया को 10 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात देश के चावल कारोबार के लिए अच्छी खबर है।   

इंडोनेशिया के चावल उत्पादन में कमी 

रूरल वॉयस ने 29 अक्टूबर को खबर प्रकाशित की थी कि इंडोनेशिया 2025 में भारत से 10 लाख टन टन चावल आयात करने पर विचार कर रहा है। इंडोनेशिया में कम बारिश के कारण धान की फसल में देरी हो रही है और उत्पादन में गिरावट का अनुमान है। वर्ष 2024 में इंडोनेशिया के चावल उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में 2.43% की गिरावट का अनुमान है। इंडोनेशिया की सरकारी खरीद एजेंसी BULOG ने शुरुआत में 3.40 लाख टन चावल आयात के लिए निविदा में केवल थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम या पाकिस्तान से आपूर्ति की अनुमति दी थी। मगर, बाद में विस्तारित रणनीति के तहत भारत से चावल आयात का निर्णय लिया। 

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