अभी तक 70 लाख टन गेहूं का निर्यात, पिछले साल की तुलना में 3 गुना से भी ज्यादा
इस वर्ष 21 मार्च तक 70.35 लाख टन गेहूं का निर्यात किया जा चुका है। मूल्य के लिहाज से देखें तो 203 करोड़ डॉलर के गेहूं का निर्यात अब तक हुआ। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो 2020-21 में सिर्फ 21.55 लाख टन गेहूं का निर्यात भारत ने किया था। मूल्य के लिहाज से करीब 57 करोड़ डॉलर के गेहूं का निर्यात हुआ था
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के बाद रूस पर लगी पाबंदियों से भारत के गेहूं निर्यातकों को काफी फायदा हुआ है। भारत ने इस साल अभी तक पिछले साल की तुलना में 3 गुना से भी ज्यादा गेहूं का निर्यात किया है। वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने बुधवार को संसद में बताया कि इस वर्ष 21 मार्च तक 70.35 लाख टन गेहूं का निर्यात किया जा चुका है। मूल्य के लिहाज से देखें तो 203 करोड़ डॉलर के गेहूं का निर्यात अब तक हुआ। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो 2020-21 में सिर्फ 21.55 लाख टन गेहूं का निर्यात भारत ने किया था। मूल्य के लिहाज से करीब 57 करोड़ डॉलर के गेहूं का निर्यात हुआ था।
एक सवाल के लिखित जवाब में अनुप्रिया पटेल ने बताया कि विदेश व्यापार नीति के अनुसार गेहूं मुक्त श्रेणी में है और इसके निर्यात के लिए किसी लाइसेंस या सरकार से पहले अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। भारतीय व्यापारियों ने विश्व बाजार में गेहूं की बढ़ती मांग को देखते हुए अपने स्तर पर यह निर्यात किया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार मानवीय मदद के सिवाय और किसी मौके पर गेहूं का निर्यात नहीं करती है।
वाणिज्य राज्य मंत्री ने कहा कि मौजूदा रबी सीजन में कितना गेहूं निर्यात के लिए सरप्लस के रूप में उपलब्ध है इसका सटीक आकलन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गेहूं समेत सभी वस्तुओं का निर्यात घरेलू उत्पादन, देश में मांग, निर्यात के लिए उपलब्धता, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चल रही कीमतें आदि पर निर्भर करता है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि अभी कितना गेहूं निर्यात के लिए सरप्लस है।