जीएसटी कंपनसेशन सेस 4 साल के लिए बढ़ा, केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना
पांच साल पहले 1 जुलाई 2017 को जब जीएसटी लागू हुआ था तब कंपनसेशन सेस 5 साल के लिए लाया गया था। इसकी अवधि 30 जून 2022 को खत्म हो रही थी। लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्यों के वित्त मंत्रियों की जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसे मार्च 2026 तक जारी रखने का फैसला किया गया
सरकार ने जीएसटी कंपनसेशन सेस की अवधि 4 साल के लिए बढ़ा दी है। अवधि बढ़ाने की अधिसूचना जारी हो गई है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी इस अधिसूचना के मुताबिक कंपनसेशन से 1 जुलाई 2022 से 31 मार्च 2026 तक जारी रहेगा।
पांच साल पहले 1 जुलाई 2017 को जब जीएसटी लागू हुआ था तब कंपनसेशन सेस 5 साल के लिए लाया गया था। इसकी अवधि 30 जून 2022 को खत्म हो रही थी। लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्यों के वित्त मंत्रियों की जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसे मार्च 2026 तक जारी रखने का फैसला किया गया।
पिछले साल सितंबर में लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की जो 45वीं बैठक हुई थी उसमें सीतारमण ने कहा था कि राज्यों को कंपनसेशन सेस भुगतान की व्यवस्था जून 2022 में खत्म हो जाएगी। लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में राज्यों को जो जीएसटी के रेवेन्यू में नुकसान हुआ उसकी भरपाई केंद्र सरकार ने उधार लेकर की थी। कंपनसेशन सेस की जो अवधि बढ़ाई गई है उससे उस उधारी को पूरा किया जाएगा। केंद्र सरकार ने राज्यों को देने के लिए 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ और 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपए उधार लिए थे।
जब जीएसटी लागू हुआ था तब यह तय हुआ था कि राज्यों के रेवेन्यू में हर साल 14 फ़ीसदी की बढ़ोतरी होगी। अगर किसी राज्य का रेवेन्यू इससे कम बढ़ता है तो उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी। इसके लिए तंबाकू, सिगरेट, कोल्ड ड्रिंक्स, महंगी मोटरसाइकिल जैसी चीजों पर 28 फ़ीसदी जीएसटी के ऊपर कंपनसेशन सेस लगाया गया था। इसकी दर विभिन्न वस्तुओं पर अलग-अलग है।