ट्रांसमिशन टावर के लिए अब हरियाणा के किसानों को मिलेगा 200 फीसदी मुआवजा
हरियाणा के किसानों को खेत में ट्रांसमिशन टावर की एवज में अब 200 फीसदी मुआवजा मिलेगा। राज्य सरकार ने प्रभावित भूमि मालिकों और किसानों के लिए नई मुआवजा नीति शुरू करने का ऐलान किया है।
हरियाणा सरकार ने ट्रांसमिशन परियोजनाओं से प्रभावित भूमि मालिकों और किसानों के लिए नई मुआवज नीति का ऐलान किया है। खेतों के ऊपर से गुजरने वाली हाईटेंशन बिजली की लाइनों व खेत में बनने वाले ट्रांसमिशन टावर की एवज में अब किसानों को 200 फीसदी मुआवजा मिलेगा। सरकार की यह नीति भूमि मालिकों विशेष रूप से किसानों और बिजली कंपनियों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवादों का समाधान करने में मदद करेगी।
हरियाणा सरकार ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के ट्रांसमिशन लाइनों के लिए राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) के मुआवजे के दिशा-निर्देशों के तहत इस नीति को मंजूरी दी है। ट्रांसमिशन लाइन के लिए स्थापित किए जाने वाले टावर के लिए भूमि अधिग्रहण के बिना ही अब किसानों को 200 फीसदी मुआवजा दिया जाएगा। जबकि, पहले किसानों को 100 फीसदी की दर से मुआवजा दिया जाता था।
इसके साथ ही ट्रांसमिशन लाइन कॉरिडोर के लिए भूमि मूल्य के 30 फीसदी की दर पर राइट ऑफ वे कॉरिडोर के लिए भी मुआवजे का प्रावधान किया गया है। जबकि, पिछली नीति में राइट ऑफ वे कॉरिडोर के लिए मुआवजा शामिल नहीं था। किसानों के लिए फसलों का मुआवजा पूर्व नीति के अनुसार ही दिया जाएगा। मुआवजे की दरें भूमि के सर्किल रेट अथवा कलेक्टर रेट के आधार पर निर्धारित की जाएंगी।
इसके अलावा, जहां भूमि के मार्किट रेट सर्किल/कलेक्टर रेट से अधिक होते हैं, वहां मुआवजे की गणना करने के लिएभूमि दर निर्धारित करने के लिए जिला स्तर पर उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, जिला राजस्व अधिकारी और अधीक्षण अभियंता (एचवीपीएनएल) की एक ‘उपयोगकर्ता समिति’का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि इस नई नीति से किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे में पर्याप्त वृद्धि होगी। इसका उद्देश्य प्रभावित भूमि मालिकों के लिए उचित मुआवजा सुनिश्चित करते हुए ट्रांसमिशन लाइनों के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित करना है।