यूपी-पंजाब के प्रत्याशियों की भाजपा की सूची में पिछड़ों-दलितों को प्रमुखता
85 सीटों में से 30 सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग और 19 दलित प्रत्याशियों को टिकट दिए गए हैं। 29 टिकट ठाकुरों और ब्राह्मणों को मिले हैं। इसके अलावा छह टिकट दूसरे दलों से आए नेताओं को दिए हैं। 80 फ़ीसदी टिकट मौजूदा विधायकों को ही दिए हैं
भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में अपने 85 प्रत्याशियों की चौथी सूची और पंजाब में 34 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की। उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से भाजपा अब तक 195 सीटों के लिए अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। पार्टी ने 15 जनवरी को पहली सूची जारी की थी जिसमें 107 प्रत्याशियों के नाम थे। प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च तक 7 चरणों में मतदान होना है। मतगणना बाकी चार राज्यों के साथ 10 मार्च को ही होगी।
उत्तर प्रदेश की चौथी सूची में भाजपा ने 80 फ़ीसदी टिकट मौजूदा विधायकों को ही दिए हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 85 में से 72 पर पार्टी को जीत मिली थी। शुरुआत में चर्चा थी की पार्टी करीब डेढ़ सौ विधायकों का टिकट काटेगी, लेकिन उसके बाद जिस तरह पार्टी छोड़कर विधायक दूसरे दलों में जाने लगे, माना जा रहा है कि यह उसी का नतीजा है की वह ज्यादातर मौजूदा विधायकों को टिकट देने पर मजबूर हुई है। 85 सीटों में से 30 सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग और 19 दलित प्रत्याशियों को टिकट दिए गए हैं। 29 टिकट ठाकुरों और ब्राह्मणों को मिले हैं। इसके अलावा छह टिकट दूसरे दलों से आए नेताओं को दिए हैं।
चौथी सूची में 15 महिलाएं हैं। इनमें रायबरेली की पूर्व कांग्रेसी नेता अदिति सिंह भी शामिल हैं। अन्य प्रत्याशियों में कांग्रेस से ही हाल में आए राकेश सिंह और पिछले दिनों आईपीएस की नौकरी छोड़कर पार्टी ज्वाइन करने वाले असीम अरुण भी शामिल हैं।
अदिति सिंह और राकेश सिंह दोनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के रायबरेली संसदीय क्षेत्र से विधायक हैं। अदिति को भाजपा ने रायबरेली से और राकेश सिंह को हरचंदपुर से उम्मीदवार बनाया है। हाल ही समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में आने वाले मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदार और विधायक हरिओम यादव का नाम भी इस सूची में है। उन्हें पार्टी ने सिरसागंज से टिकट दिया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में रायबरेली संसदीय क्षेत्र की 5 विधानसभा सीटों में से भाजपा और कांग्रेस ने दो दो और समाजवादी पार्टी ने एक सीट जीती थी।
भाजपा ने लखीमपुर खीरी जिले में भी अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं जहां प्रदर्शनकारी किसानों पर थार जीप चढ़ा देने की घटना हुई थी। उस घटना में 4 किसान और एक पत्रकार समेत 8 लोगों की जान चली गई थी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा इस मामले में मुख्य आरोपी हैं।
यहां भाजपा ने निघासन से शशांक वर्मा, गोला गोकरननाथ से अरविंद गिरी, श्रीनगर से मंजू त्यागी, लखीमपुर खीरी से योगेश वर्मा, कस्ता सुरक्षित से सौरभ सिंह सोनू, मोहम्मदी से लोकेंद्र प्रताप सिंह और पलिया से हरविंदर रोमी साहनी को टिकट दिया है। पिछले चुनाव में भी यह पार्टी के प्रत्याशी थे।
चौथी सूची में जिन महिला प्रत्याशियों के नाम हैं उनमें अदिति सिंह के अलावा हाथरस से अंजुला माहौर, तिलहर से सलोना कुशवाह, श्रीनगर से मंजू त्यागी, महमूदाबाद से आशा मौर्य, शाहाबाद से रजनी तिवारी, संडीला से अलका अर्कवंशी, छिबरामऊ से अर्चना पांडे, इटावा से सरिता भदौरिया, बिधूना से रिया शाक्य, अकबरपुर रनिया से प्रतिभा शुक्ला, कल्याणपुर से नीलिमा कटियार, रथ से मनीषा अनुरागी, नारायणी से ओमानी वर्मा और खागा से कृष्णा पासवान शामिल हैं।
पंजाब में 13 सिखों और 9 दलितों को टिकट
भाजपा ने शुक्रवार को पंजाब की 117 सीटों में से 34 प्रत्याशियों की अपनी पहली सूची जारी की। इनमें 13 सिख, 9 दलित और 2 महिलाएं हैं। यह सूची दिल्ली में पार्टी के महासचिव तरुण चुग ने जारी की। सूची में शामिल अन्य वर्गों में 12 किसान परिवार से और 9 अनुसूचित जाति के हैं। इनके अलावा कुछ प्रोफेशनल्स को भी पार्टी ने टिकट दिया है।
जिनके नाम इस सूची में शामिल हैं उनमें पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया, हाल ही कांग्रेस से आए विधायक राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, अकाली नेता गुरचरण सिंह तोहड़ा के पोते कंवर वीर सिंह तोहड़ा भी शामिल हैं।
प्रदेश में 20 फरवरी को मतदान होना है। भाजपा यहां अमरिंदर सिंह की नई पार्टी पंजाब लोग कांग्रेस और पूर्व अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींढसा के शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। गठबंधन की तरफ से अभी तक यह नहीं बताया गया है कि कुल 117 सीटों में से कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। लेकिन भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी 65 सीटों पर, पंजाब लोग कांग्रेस 34 और शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) 18 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
भाजपा एक और क्षेत्रीय दल लोक इंसाफ पार्टी के साथ भी गठबंधन पर चर्चा कर रही है, जिसका असर लुधियाना और आसपास के इलाकों में है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अकाली दल के साथ गठबंधन में 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन उसे सिर्फ 3 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बाद में उपचुनाव में इनमें से भी एक सीट वह हार गई थी। इस तरह पार्टी के सिर्फ दो विधायक बच गए थे दिनेश सिंह बब्बू और अरुण नारंग। बब्बू को सुजानपुर से और नारंग को अबोहर से टिकट दिया गया है। 1997 के बाद पहली बार होगा जब भारतीय जनता पार्टी शिरोमणि अकाली दल (बादल) के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी।
भाजपा का टिकट पाने वालों में चार पूर्व कांग्रेसी और चार पूर्व अकाली नेता हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाने वाले अरविंद खन्ना को पार्टी ने संगरूर से प्रत्याशी बनाया है। पूर्व विधायक और कांग्रेस से भाजपा में आए मोहन लाल बंगा को बंगा सीट से टिकट दिया है। पूर्व कांग्रेसी निमिष मेहता को गढ़शंकर से टिकट मिला है। पुराने अकाली नेताओं में दीदार सिंह भाटी को फतेहगढ़ साहिब और रवि प्रीत सिद्धू को तलवंडी साबो से टिकट दिया गया है। जलालाबाद से पार्टी ने पूरन चंद को खड़ा किया है जहां शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल भी खड़े हैं।
ढींढसा की पार्टी ने 12 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं। इनमें दो बार की सांसद परमजीत कौर गुलशन भी शामिल हैं जो मार्च 2020 में शिरोमणि अकाली दल छोड़कर ढींढसा के साथ आ गई थीं। गुलशन जैते सुरक्षित सीट से लड़ेंगी। पार्टी ने सुखदेव सिंह ढींढसा के बेटे परमिंदर ढींढसा को लहरगग्गा से प्रत्याशी बनाया है। वे 2017 में शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर इस सीट से जीते थे।