शाकाहारी थाली साल भर में 12 फीसदी महंगी, प्याज, टमाटर व दालों की महंगाई का असर
पिछले एक साल में शाकाहारी थाली 12 फीसदी महंगी हो गई है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स (एमआईएंडए) की ओर से जारी फूड प्लेट कॉस्ट इंडीकेटर के अनुसार, सालाना आधार पर शाकाहारी थाली की लागत में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि नॉन-वेज भोजन की लागत में 4 फीसदी की गिरावट आई।
पिछले एक साल में शाकाहारी थाली 12 फीसदी महंगी हो गई है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स (एमआईएंडए) की ओर से जारी फूड प्लेट कॉस्ट इंडीकेटर के अनुसार, सालाना आधार पर शाकाहारी थाली की लागत में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि नॉन-वेज भोजन की लागत में 4 फीसदी की गिरावट आई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शाकाहारी थाली की लागत में वृद्धि का कारण प्याज और टमाटर की कीमतों में क्रमशः 82 प्रतिशत और 42 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है। दालों की कीमतें, जो शाकाहारी थाली की लागत का 9 प्रतिशत है, भी साल-दर-साल 24 प्रतिशत बढ़ी है। नॉन-वेज थाली की कीमत में गिरावट अधिक उत्पादन के बीच ब्रॉयलर की कीमतों में सालाना आधार पर 15 फीसदी की गिरावट के कारण आई।
दिसंबर महीने में खाद्य महंगाई से थोड़ी राहत मिली है। दिसंबर में प्याज और टमाटर की कीमतों में गिरावट के कारण घर में बनी शाकाहारी और मांसाहारी थाली की लागत में मासिक आधार पर क्रमशः 3 प्रतिशत और 5 प्रतिशत की कमी आई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारी सीजन खत्म होने के साथ ही प्याज और टमाटर की कीमतों में मासिक आधार पर 14 प्रतिशत और 3 प्रतिशत की कमी के कारण घर पर बनी शाकाहारी और मांसाहारी थाली की कीमतें कम हुईं। ब्रॉयलर की कीमत में महीने-दर-महीने 5-7 प्रतिशत की गिरावट के कारण नॉन-वेज थाली की लागत में तेजी से गिरावट आई है, जो लागत का 50 प्रतिशत है।
घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि थाली की कीमत में बदलाव लाने वाले तत्व (अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस) हैं।