आज की प्रमुख चुनावी खबरेंः कांग्रेस के गौरव वल्लभ भी भाजपा में गए, बिहार के जमुई में प्रधानमंत्री मोदी की रैली

कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ भी गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। गुरुवार की सुबह ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा भेजा था। भाजपा ज्वाइन करने के बाद गौरव ने कहा कि जब पार्टी के कुछ बड़े नेता और इंडिया ब्लॉक के सहयोगी सनातन धर्म के खिलाफ बोल रहे थे तब पार्टी की चुप्पी से उन्हें तकलीफ हुई थी।

आज की प्रमुख चुनावी खबरेंः कांग्रेस के गौरव वल्लभ भी भाजपा में गए, बिहार के जमुई में प्रधानमंत्री मोदी की रैली

कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ भी गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। गुरुवार की सुबह ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा भेजा था। भाजपा ज्वाइन करने के बाद गौरव ने कहा कि जब पार्टी के कुछ बड़े नेता और इंडिया ब्लॉक के सहयोगी सनातन धर्म के खिलाफ बोल रहे थे तब पार्टी की चुप्पी से उन्हें तकलीफ हुई थी। उन्होंने कहा कि मैंने राम मंदिर पर कांग्रेस के स्टैंड का भी सार्वजनिक विरोध किया। इससे पहले मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि जिस तरह कांग्रेस पार्टी दिशाहीन तरीके से चल रही है, उसमें मैं निराश महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं ना ही देश में संपत्ति का सृजन करने वालों को गालियां दे सकता हूं। मैं जन्म से हिंदू हूं और पैसे से शिक्षक। कांग्रेस पार्टी का स्टैंड मुझे हमेशा परेशान करता रहा। एक तरफ तो पार्टी जाति जनगणना की बात करती है, दूसरी तरफ वह पूरे हिंदू समाज का विरोध करती नजर आती है। इस तरह की कार्यशैली लोगों में गलत संदेश भेज रही है। यह कांग्रेस के मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ है।

संजय निरुपम छह साल के लिए कांग्रेस से निष्कासित

कांग्रेस ने अपने पुराने नेता संजय निरुपम को छह साल के लिए निकाल दिया है। निरुपम पर अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयान देने के आरोप हैं। कांग्रेस ने मुंबई उत्तर पश्चिम की लोकसभा सीट उद्धव ठाकरे की पार्टी को दे दी है जिससे संजय निरुपम खफा बताए जाते हैं। मुंबई उत्तर से पूर्व सांसद निरुपम ने सोशल मीडिया एक्स पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजी अपने इस्तीफे की कॉपी साझा की। उन्होंने लिखा, ऐसा लगता है कि बीती रात मेरा इस्तीफा स्वीकार करने के बाद पार्टी ने तत्काल मुझे निकालने का फैसला किया। इस तरह की तेजी को देखना अच्छा है। खड़गे को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि मैंने आखिरकार आपकी बहू प्रतीक्षित इच्छा पूरी करने का फैसला कर लिया है और मैं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। इस पत्र को मेरा इस्तीफा माना जाए। बाद में संजय निरुपम ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी में पांच पावर सेंटर हैं और सबकी अलग-अलग लॉबी है। कांग्रेस के नेता पुराने पड़ चुके हैं, वे जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं, इस पार्टी का कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने कहा, अगर पार्टी मुझे मुंबई उत्तर पश्चिम से टिकट देती तो इससे लगता कि वह मेरे उठाए मुद्दे पर सुनने को तैयार है। कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने गुरुवार की रात एक बयान में कहा कि अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष ने संजय निरुपम को 6 साल के लिए निष्कासित करने के फैसले को मंजूरी दे दी है।

मूलतः बिहार के रहने वाले संजय निरुपम 1993 में दोपहर का सामना अखबार के एक्जीक्यूटिव एडिटर बने। बाल ठाकरे ने उन्हें 1996 और 2000 में शिवसेना के टिकट पर राज्यसभा भेजा। उद्धव ठाकरे से मनमुटाव के बाद वे मार्च 2005 में शिवसेना छोड़ कांग्रेस में आ गए। मुंबई उत्तर से 2009 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते। वे 2012 में पार्टी के प्रवक्ता और 2015 में मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त किए गए। 2014 और 2019 में वे मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार गए थे।

जमुई में पीएम मोदी की रैली, कहा यह बिहार के सपने पूरा करने का चुनाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जमुई से बिहार में लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत की। जमुई की रैली में सत्तारूढ़ एनडीए के सभी घटक एक मंच पर दिखे। सभी दलों के नेता इस रैली में मौजूद थे। मंच पर प्रधानमंत्री के साथ बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के प्रमुख नीतीश कुमार भी थे। आम चुनाव से कुछ समय पहले ही नीतीश कुमार ने यूपीए का साथ छोड़कर एनडीए का हाथ थामा है। अपने भाषण में मोदी ने कहा, 2024 का चुनाव बिहार और भारत के भविष्य के लिए बहुत निर्णायक है। ये चुनाव विकसित बिहार के सपनों को पूरा करने का चुनाव है। ये चुनाव विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करने का चुनाव है। कांग्रेस-आरजेडी ने हर मौके पर बिहार और बिहारी गौरव का अपमान किया है। यही कांग्रेस और आरजेडी थी, जिसने कर्पूरी ठाकुर का अपमान किया था। अभी कुछ ही समय पहले हमारी सरकार ने बिहार के गौरव कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया, तब भी इन लोगों ने उसका विरोध किया।



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