उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनावी वादों को पूरा करने के लिए 55 हजार करोड़ रुपए की पड़ेगी जरूरत
भाजपा के 2022 के चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार सरकार कोल्ड चेन और वेयरहाउस नेटवर्क स्थापित करने के लिए 25000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। यहां बागवानी फसलों की ग्रेडिंग की जाएगी। इससे किसानों को सरदार वल्लभभाई पटेल एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत उनकी फसलों की बेहतर कीमत मिल सकेगी
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए लोगों से जो वादे किए थे उन्हें पूरा करना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। ऐसे समय जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करने वाले हैं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन वादों को पूरा करने के लिए रोडमैप पर काम करना शुरू कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार भाजपा ने उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए जो लोक कल्याण संकल्प पत्र नाम से घोषणा पत्र जारी किया था उसे अमल में लाने के लिए 55 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा रकम की जरूरत पड़ेगी। विभिन्न लोकप्रिय घोषनाएं कृषि, सामाजिक सुरक्षा, डेयरी, गन्ना, इंफ्रास्ट्रक्चर, कौशल विकास, रोजगार आदि क्षेत्रों से जुड़ी हैं। खास बात यह है कि यह अतिरिक्त खर्च राज्य सरकार जनकल्याण के लिए अभी जो योजनाएं चला रही है उसके अतिरिक्त होगा।
भाजपा के 2022 के चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार सरकार कोल्ड चेन और वेयरहाउस नेटवर्क स्थापित करने के लिए 25000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। यहां बागवानी फसलों की ग्रेडिंग की जाएगी। इससे किसानों को सरदार वल्लभभाई पटेल एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत उनकी फसलों की बेहतर कीमत मिल सकेगी।
एक अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम के लिए 10000 करोड रुपए निवेश करने का वादा पार्टी ने किया है। इसके अलावा सिंचाई पर 5000 करोड़ रुपए खर्च करने की बात है। चीनी मिलों के आधुनिकीकरण की योजना के लिए पार्टी ने 5000 करोड़ रुपए खर्च करने का वादा किया है।
इस बीच योगी आदित्यनाथ 25 मार्च को लखनऊ में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने वाले हैं। इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के अलावा पार्टी के अन्य बड़े नेता भी मौजूद रहेंगे। दिसंबर 2021 में योगी सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 5.48 लाख करोड़ रुपए का अंतरिम बजट पेश किया था।
नई सरकार के गठन के बाद जल्दी ही पूर्ण बजट पेश किया जाएगा जिसमें चुनाव पूर्व किए गए वादों को पूरा करने के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने का ब्लूप्रिंट पेश किए जाने की उम्मीद है। अंतरिम बजट इसलिए पेश किया जाता है ताकि चुनाव के कारण विकास के कार्य और दूसरे सरकारी कामकाज में रुकें। योगी सरकार ने अंतरिम बजट में लेखानुदान के जरिए वित्त वर्ष के पहले 4 महीने (अप्रैल से जुलाई) के लिए 1.68 लाख करोड़ रुपए की ग्रांट लेखानुदान के जरिए ली थी।