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Harvir Singh
RuralVoice.in एक ऐसा मीडिया प्लेटफार्म है जो रुरल अर्बन के बीच के विभाजन के बीच सूचना की खाई को करने के साथ ग्रामीण भारत की खबरों और उसके लिए जरूरी सूचना को प्राथमिकता देने का काम करता है। यह एक नालेज आधारित नया मीडिया स्टार्ट- अप है। इसे एग्रीकल्चर, रुरल, इकोनामी, पालिटिक्स और बिजनेस रिपोर्टिंग के तीस साल के अनुभवी जर्नलिस्ट हरवीर सिंह ने शुरू किया है। प्रिंट, रेडियो, टीवी और डिजिटल मीडिया के माध्यमों में विभिन्न लीडरशिप स्तरों पर देश के बड़े मीडिया समूहों में काम करने का अनुभव उनके पास है। इसके पहले वह आउटलुक हिंदी के संपादक रहे हैं। वहीं उन्होंने मनी भास्कर के संपादक के रूप में और बिजनेस भास्कर के इकोनामिक एडिटर के रूप में दैनिक भास्कर समूह में काम किया। इसके अलावा वह दैनिक हिंदुस्तान और अमर उजाला समूह में सीनियर लीडरशिप पाजिशंस में रहे हैं। हरवीर सिंह के नेतृत्व में प्रोफेशनली ट्रेंड और कमिटेड जर्नलिस्ट्स की एक टीम इस संस्थान के लिए काम कर रही हैं। इस नेटवर्क को देश के अधिकांश हिस्सों तक ले जाने की योजना है। रिपोर्टिंग और लेखन का एक ही मूलमंत्र है कि यह किसी भी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक पूर्वाग्रह से मुक्त होगा। RuralVoice.in के कंटेंट का केंद्र बिंदु ‘भारत’ यानी रुरल इंडिया रहेगा।
ड्राफ्ट रिपोर्ट को पंजाब सरकार की राय बताना कहां तक उचित?
पंजाब की इकनॉमी में सुधार के लिए बनी कमेटी की जो रिपोर्ट अभी फाइनल भी नहीं है। जिसकी...
5 साल पहले के मुकाबले बजट में घटी ग्रामीण विकास की हिस्सेदारी
जब ग्रामीण विकास में निवेश बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को उबारने की उम्मीद की जा रही थी,...
प्रधानमंत्री का संकेत, कृषि कानूनों पर और पीछे हटने को तैयार नहीं सरकार
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का...
किसान आंदोलन का आर्थिक और राजनीतिक असर
इस आंदोलन ने जाटों और मुसलमानों को एक मंच पर ला दिया है जो 2013 के दंगों के बाद...
सरकार जितनी सख्ती करेगी, किसान आंदोलन उतना मजबूत होगा: जयंत चौधरी
केंद्र सरकार द्वारा लाये गये तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल...
पहले नौ माह में निर्यात 15.5 फीसदी गिरा लेकिन कृषि निर्यात 9.8 फीसदी बढ़ा
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में अप्रैल, 2020 से दिसंबर, 2020 के दौरान देश के...
कृषि को वही मिला जो पहले से उसके पास था, न कोई बड़ी योजना और न ही कोई बड़ा नया आवंटन
7.7 फीसदी की दर से चालू वित्त वर्ष में सिकुड़ती अर्थव्यवस्था को 3.4 फीसदी की अपने...
कृषि के लिए बड़े बदलावों और कदमों वाले बजट की जरूरत
कोविड-19 महामारी के संकट के बाद देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक सामान्य वित्त वर्ष...
गन्ना एसएपी में देरी और बकाया बना किसानों के गुस्से की वजह, कृषि कानूनों के खिलाफ यूपी में आंदोलन हो रहा तेज
राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) की घोषणा में देरी गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान में देरी...
सरकार और किसानों के रुख से आंदोलन जारी, सुप्रीम कोर्ट पर निगाहें
तीन कृषि बिलों को रद्द करने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी...
अर्थव्यवस्था में एतिहासिक गिरावट लेकिन कृषि में 3.4 फीसदी बढ़ोतरी, फिर भी किसान सड़क पर
चालू वित्त वर्ष (2020-21) में देश के आर्थिक मोर्चे पर इतिहास बन रहा है। आजादी के...
यूपी में गन्ना किसानों को न दाम का पता, न भुगतान का
उत्तर प्रदेश की 120 चीनी मिलों को चालू सीजन (अक्तूबर,2020 से सितंबर, 2021) के लिए...
किसान दिवस विशेष: रुरल मिडिल क्लास के जनक चौधरी चरण सिंह
इस समय केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन चल रहा है।...