उत्तराखंडः असम के मुख्यमंत्री की राहुल के खिलाफ ओछी टिप्पणी, अन्य मामले में भाजपा को आयोग की हिदायत

हिमंत ने कहा कि क्या भाजपा ने कभी इस बात का सबूत मांगा है कि राहुल, राजीव गांधी के बेटे हैं। वे उत्तराखंड विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने के बाद कहती है तो कभी मदरसा की, उसे हर एक की शिक्षा की बात करनी चाहिए

उत्तराखंडः असम के मुख्यमंत्री की राहुल के खिलाफ ओछी टिप्पणी, अन्य मामले में भाजपा को आयोग की हिदायत

चुनाव प्रचार में नीचे गिरने की एक और हद पार करते हुए असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के खिलाफ बड़ी ही ओछी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि क्या भाजपा ने कभी इस बात का सबूत मांगा है कि राहुल, राजीव गांधी के बेटे हैं।

राहुल ने सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के तथाकथित रूप से सबूत मांगे थे और कोविड-19 वैक्सीन की क्षमता पर भी सवाल उठाए थे। उसी का जिक्र करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने देहरादून में एक चुनावी सभा में यह टिप्पणी की। वे उत्तराखंड विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने के बाद कहती है तो कभी मदरसा की, उसे हर एक की शिक्षा की बात करनी चाहिए।

शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें वे ये कह रहे हैं कि “उत्तराखंड में तो भाजपा गई”। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को रुद्रपुर में चुनावों सभा को संबोधित करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भी हरिद्वार, रायपुर और सहसपुर में सभाएं हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ टिहरी और कोटद्वार में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शनिवार को हल्द्वानी, खटीमा और श्रीनगर में स्वाभिमान रैली को संबोधित करेंगी।

उत्तराखंड भाजपा को चुनाव आयोग की हिदायत

इस बीच चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी की उत्तराखंड इकाई को चुनाव आचार संहिता का पालन करने की हिदायत दी है। पार्टी ने हाल ही कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को मौलवी के रूप में दिखाते हुए तस्वीर ट्वीट की थी। इस पर चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते भाजपा को नोटिस जारी किया था। शुक्रवार को उसने चेतावनी दी।

आयोग के अनुसार पार्टी ने जो जवाब दिया है उसमें उसने कहा है कि ट्वीट करने का मकसद चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करना या धर्म, जाति, नस्ल या भाषा के आधार पर लोगों के बीच मतभेद पैदा करना नहीं था। पार्टी ने यह भी कहा है कि उस ट्वीट को उसके ट्विटर हैंडल से हटा दिया गया है।

आयोग का कहना है कि उसे उत्तराखंड भाजपा का यह जवाब संतोषजनक नहीं लगा। भारतीय दंड संहिता और जनप्रतिनिधित्व कानून की विभिन्न धाराओं के तहत एफआइआर भी दर्ज की गई है। 70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है। मतगणना बाकी चार राज्यों के साथ 10 मार्च को होगी।

 

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