चुनाव प्रचार में प्लास्टिक की सामग्री का इस्तेमाल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयोग और सरकारी विभागों को भेजा नोटिस
याचिकाकर्ता ने चुनाव प्रचार में पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) और अन्य क्लोरीनयुक्त प्लास्टिक-आधारित बैनर, होर्डिंग्स, फ्लेक्स, साइनेज और झंडे जैसे विज्ञापन और प्रचार वस्तुओं के निर्माण और प्रयोग पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव के दौरान प्लास्टिक की प्रचार सामग्री के खुलेआम इस्तेमाल को लेकर चुनाव आयोग और इससे जुड़े अन्य विभागों को नोटिस जारी किया है। चुनाव में प्लास्टिक के उपयोग और उसके बाद अनियोजित बंदोबस्त के संबंध में गाजियाबाद निवासी आकाश की तरफ से दायर की गई एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर हाईकोर्ट ने यह नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया है कि चुनाव में प्लास्टिक के प्रयोग से पर्यावरण को खतरा पैदा हो सकता है।
हाईकोर्ट ने इसके संबध में उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) और इसके साथ उत्तर प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता ने चुनाव प्रचार में पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) और अन्य क्लोरीनयुक्त प्लास्टिक-आधारित बैनर, होर्डिंग्स, फ्लेक्स, साइनेज और झंडे जैसे विज्ञापन और प्रचार वस्तुओं के निर्माण और प्रयोग पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है
अदालत ने जनहित याचिका में उजागर किए इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए कहा कि यह एक गंभीर मामला है और स्थिति की गंभीरता केवल चुनावों तक सीमित नहीं है। अदालत ने इस बात को भी रेखांकित किया कि चुनाव के बाद भी ऐसी सामग्री के इस्तेमाल पर रोक लगाने की जरूरत है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि उत्तर प्रदेश के चुनावों में प्लास्टिक प्रचार सामग्री का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे चुनाव के बाद खुले में छोड़ दिया जाएगा जो पर्यावरण के हानिकारक है। इस तरह प्लास्टिक का इस्तेमाल पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 में निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। अदालत ने प्रतिवादियों से दिए गये नोटिस का जबाब तीन सप्ताह के अन्दर देने को कहा है।
उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक विधान सभा सीटों वाला राज्य है। यहां कुल 403 विधानसभा सीटें हैं। पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 15 करोड़ से अधिक है। विधानसभा चुनाव 10, 14, 20, 23, 27 फरवरी और 3 और 7 मार्च को सात चरणों में हो रहे हैं। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी।