यूपी के बहराइच की हल्दी खरीदेगी पतंजलि, तीन एफपीओ के साथ एमओयू
पतंजलि के साथ बहराइच की जिन तीन एफपीओ का हल्दी खरीदने के लिए एमओयू हुआ है, उनमें प्रत्युष बायोएनर्जी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, वीरांगना लक्ष्मीबाई महिला किसान निर्माता कंपनी लिमिटेड और सीएससी राज किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड शामिल हैं।
पतंजलि आयुर्वेद उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से हल्दी खरीदेगी। योग गुरु स्वामी रामदेव ने बहराइच जिले में उगाई जाने वाली हल्दी खरीदने का फैसला किया है। इसके लिए तीन किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गये हैं।
बहराइच जिले में वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना के तहत हल्दी के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिले से हल्दी खरीदने के लिए स्वामी रामदेव आगे आए हैं। पतंजलि आयुर्वेद के साथ हुए समझौते के तहत बहराइच से लगभग 50,000 टन हल्दी खरीदी जाएगी। इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं व उत्पादों के निर्माण के लिए किया जाएगा। बहराइच की हल्दी की गुणवत्ता काफी अच्छी मानी जाती है। यही वजह है कि पतंजलि ने बहराइच की हल्दी खरीदने का फैसला किया है।
बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि बहराइच का मिहिंपुरवा क्षेत्र उपजाऊ भूमि और अनुकूल जलवायु होने के कारण कृषि के लिए काफी उपयुक्त है। वहां हल्दी, जिमीकन्द और हरी सब्जियों की काफी खेती की जाती है। इन्हें कई राज्यों के साथ ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी भेजा जाता है। जिले में 86 कृषक उत्पादक संगठन एफपीओ गठित किये गये हैं। प्रति वर्ष लगभग 2000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में उगी 45-50 हजार टन हल्दी की खरीद पतंजलि से कराने की योजना है। इससे बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित होंगे।
पतंजलि के साथ बहराइच की जिन तीन एफपीओ का हल्दी खरीदने के लिए एमओयू हुआ है, उनमें प्रत्युष बायोएनर्जी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, वीरांगना लक्ष्मीबाई महिला किसान निर्माता कंपनी लिमिटेड और सीएससी राज किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड शामिल हैं। हल्दी उत्पादक किसानों को आयुर्वेद की आवश्यकता के अनुसार गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रशिक्षण देने की व्यवस्था बहराइच, लखनऊ व पतंजलि (हरिद्वार) में की जा रही है।
हरिद्वार स्थिति पतंजलि योगपीठ में हुए एमओयू के दौरान स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, बहराइच जिलाधिकारी मोनिका रानी, उप कृषि निदेशक टीपी शाही, सीएससी राज किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड मिहिंपुरवा के निदेशक अखिलेश सिंह आदि मौजूद रहे।