इफको ने बनाया रिकॉर्ड, पारादीप संयंत्र में एक साल में आठ लाख टन फॉस्फोरिक एसिड का उत्पादन
फसलों के लिए फॉस्फेट (P2O5) एक प्रमुख पोषक तत्व है और अधिक उपज के लिए बहुत आवश्यक है। भारत में फॉस्फेट का भंडार बहुत कम है और हमें रॉक फॉस्फेट (कच्चा माल), फॉस्फोरिक एसिड (मध्यवर्ती उत्पाद) और जटिल उर्वरक (तैयार उत्पाद) के रूप में अन्य देशों से बहुत ज़्यादा आयात करने की आवश्यकता पड़ती है
इफको ने अपने पारादीप संयंत्र में वित्त वर्ष 2021-22 में 805,000 टन फॉस्फोरिक एसिड (P2O5) का उत्पादन किया है। यह दुनिया के किसी भी एक संयंत्र में एक साल में किया जाने वाला सबसे अधिक उत्पादन है। इफको ने यह उपलब्धि तो हासिल की ही है, इससे उच्च स्वदेशी फॉस्फेट आधारित उर्वरकों यानी डीएपी/एनपीएस आदि के उत्पादन में मदद मिली है और आयातित जटिल उर्वरकों पर निर्भरता कम हुई है।
फसलों के लिए फॉस्फेट (P2O5) एक प्रमुख पोषक तत्व है और अधिक उपज के लिए बहुत आवश्यक है। भारत में फॉस्फेट का भंडार बहुत कम है और हमें रॉक फॉस्फेट (कच्चा माल), फॉस्फोरिक एसिड (मध्यवर्ती उत्पाद) और जटिल उर्वरक (तैयार उत्पाद) के रूप में अन्य देशों से बहुत ज़्यादा आयात करने की आवश्यकता पड़ती है। इफको की पारादीप इकाई में 2650 टन प्रति दिन P2O5 उत्पादन की क्षमता है। इफको की इस इकाई में विश्व का सबसे बड़ा एकल रिएक्टर है।
देश को 'आत्मनिर्भर' बनाने के लिए प्रधान मंत्री की दृष्टि के अनुरूप, यह उपलब्धि भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर है। इससे न केवल किसानों को गुणवत्तापूर्ण और भारत में बने उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है, बल्कि इसके परिणामस्वरूप कीमती विदेशी मुद्रा व्यय में भी बचत हुई है।