गेहूं खरीद 142 लाख टन के पार पहुंची, सबसे ज्यादा खरीद हरियाणा से हुई
सरकारी खरीद आंकड़ों के मुताबिक, रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 में गेहूं की सरकारी खरीद 142.13 लाख टन को पार कर गई है जो पिछले साल इसी समय 87.76 लाख टन पर पहुंची थी

तीन साल पहले रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 में कमजोर उत्पादन और कम सरकारी खरीद के चलते गेहूं खरीद के मोर्चे पर पैदा हुई मुश्किल अब तीसरे साल खत्म होने जा रही है। भारतीय खाद्य निगम के 21 अप्रैल, 2025 तक के आंकड़ों के मुताबिक, रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 में गेहूं की सरकारी खरीद 142.13 लाख टन को पार कर गई है जो पिछले साल इसी समय 87.76 लाख टन थी। पिछले साल कुल खरीद 266 लाख टन रही थी जिसके चालू सीजन में गेहूं खरीद 300 लाख टन को पार कर जाने की संभावना बन रही है। पिछले तीन साल में गेहूं की कीमतों के मोर्चे पर दबाव झेल रही सरकार के लिए यह राहत भरी खबर है।
चालू सीजन में गेहूं के बंपर उत्पादन के पीछे मौसम का सामान्य रहना और गेहूं का रकबा बढ़ना प्रमुख वजह है। वहीं, गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़कर 2425 रुपये प्रति क्विटंल तक पहुंचने और खुले बाजार में बेहतर कीमतों के चलते भी किसानों का रुख गेहूं की तरह बढ़ा है। मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार गेहूं पर बोनस भी दे रही हैं।
चालू सीजन में अभी तक सबसे अधिक 50.36 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हरियाणा में हुई है पिछले सीजन में 21 अप्रैल, 2024 तक हरियाणा में गेहूं की सरकारी खरीद 43.53 लाख टन रही थी। वहीं हरियाणा के बाद मध्य प्रदेश में 49.55 लाख टन की खरीद के साथ मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है। वहां पिछले साल इसी समय तक 26.74 लाख टन गेहूं की सरकारी खऱीद हुई थी। तीसरे नंबर पर अभी पंजाब है और वहां 21 अप्रैल तक 29.93 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई है जबकि पिछले पंजाब में इस तिथि तक केवल 12.37 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी।
राजस्थान में अभी तक 7.30 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई है जबकि पिछले साल वहां इस समय तक केवल 1.72 लाख टन गेहूं की सरकारी खऱीद हुई थी। देश में सबसे अधिक गेहूं के रकबे वाला उत्तर प्रदेश सरकारी खऱीद में अभी पांचवे नंबर पर है और वहां 21 अप्रैल तक 4.85 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई है जो पिछले साल इसी तिथि तक 3.33 लाख टन रही थी। अन्य राज्यों में बिहार में अभी तक 8928 टन, गुजरात में 2456 टन और हिमाचल प्रदेश में 449 टन गेहूं की सरकारी खऱीद हुई है। वहीं दिल्ली, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और जम्मू एवं कश्मीर में गेहूं की कोई सरकारी खऱीद अभी तक नहीं हुई है।
1 अप्रैल, 2025 को केंद्रीय पूल में गेहूं की स्टॉक 117.94 लाख टन था जबकि पिछले साल इसी तिथि को केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 75.02 लाख टन पर आ गया था और 1 अप्रैल, 2023 को केंद्रीय पूल में गेहूं का सरकारी स्टॉक 83.45 लाख टन रहा था। पिछले दो साल में अप्रैल के शुरू में केंद्रीय पूल में गेहूं स्टॉक 2017 के बाद से सबसे कम रहा था।
फरवरी और मार्च, 2022 में तापमान में अचानक बढ़ोतरी से गेहूं की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ा था और उसके चलते सरकार को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही घरेलू बाजार में भी स्टॉक लिमिट को लागू करना पड़ा था। रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 में गेहूं की सरकारी खरीद गिरकर 187 लाख टन पर अटक गई थी। इस साल अभी भी सरकार ने निजी खरीदारों के लिए हर सप्ताह गेहूं के स्टॉक को उपभोक्ता मामले मंत्रालय की वेबसाइट पर अपडेट करने का आदेश दे रखा है।