क्या है कृषि सखी योजना जिसमें 90 हजार महिलाओं को मिल रही ट्रेनिंग
केंद्र सरकार ने तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है जिसमें से लगभग एक करोड़ लखपति दीदी बन चुकी हैं, 2 करोड़ और बननी हैं। उसी का एक आयाम है कृषि सखी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जून को वाराणसी में पीएम-किसान के तहत 9.26 करोड़ से अधिक किसानों को 20 हजार करोड़ रुपये की 17वीं किस्त जारी करेंगे। साथ ही 30 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को कृषि सखियों के तौर पर प्रमाण-पत्र प्रदान करेंगे।
केंद्र सरकार ने तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है जिसमें से लगभग एक करोड़ लखपति दीदी बन चुकी हैं, 2 करोड़ और बननी हैं। उसी का एक आयाम है कृषि सखी। किसानों की सहायता के लिए कई महिलाओं को प्रशिक्षण देकर तैयार किया है ताकि वो खेती के अलग-अलग कामों में किसानों का सहयोग कर सकें और लगभग 60-80 हजार रुपये तक की सालाना अतिरिक्त आय अर्जित कर पाएं।
कृषि सखी कार्यक्रम को पहले चरण में 12 राज्यों - गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और मेघालय में शुरू किया गया है। कृषि मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, अभी तक तक 70 हजार में से 34 हजार से अधिक कृषि सखियों को पैरा-एक्सटेंशन वर्कर के रूप में प्रमाण-पत्र दिया जा चुका है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कृषि सखियों को एग्री पैरा-एक्सटेंशन वर्कस के रूप में इसलिए चुना जाता है क्योंकि समुदाय में उनकी विश्वसनीयता है और वे खुद अनुभवी किसान हैं। कृषि सखियों को पहले से ही विभिन्न कृषि पद्धतियों में व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त है, जिससे वे किसानों को प्रभावी ढंग से सहायता कर सकती हैं। कृषि में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए हैं।