वॉलमार्ट फाउंडेशन 5 साल में 10 लाख छोटे किसानों की आय बढ़ाने में बनेगा मददगार, 50 फीसदी होंगी महिलाएं
फाउंडेशन ने पंचवर्षीय रणनीति के साथ दो नए अनुदानों की घोषणा की है। इनमें महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में छोटे किसानों के लिए टेक्नोसर्व को 30 लाख डॉलर का अनुदान देना शामिल है। इसका लक्ष्य 24 एफपीओ और 30 हजार किसानों तक पहुंचना है जिनमें 50 फीसदी महिलाएं होंगी। इसी तरह ट्रिकल अप को 5,33,876 डॉलर का अनुदान देने की घोषणा की गई है जिसका लक्ष्य ओडिशा में 1,000 छोटे महिला किसानों तक पहुंचना और उन्हें दो एफपीओ से जोड़ना है।
वॉलमार्ट फाउंडेशन अगले पांच वर्ष में देश के 10 लाख किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगा। इनमें 50 फीसदी महिला किसान होंगी। किसानों की आजीविका सुधारने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए फाउंडेशन ने बुधवार को नई पंचवर्षीय रणनीति की घोषणा की। इसका मकसद 2028 तक 10 लाख छोटे किसानों तक पहुंचना है। इसके तहत उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और ओडिशा सहित कई राज्यों में किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से सामूहिकता और फार्म एग्रिगेशन के क्षेत्रों में काम करने वाले गैर-लाभकारी संगठनों को अनुदान दिया जाएगा।
इसके तहत महिला किसानों के सशक्तीकरण पर फोकस करते हुए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के क्षमता निर्माण में सहयोग कर उन्हें सक्षम बनाया जाएगा। साथ ही आसान तरीके से बेहतर कारोबारी अवसर पाने के लिए मार्केट लिंकेज बढ़ाने और किसानों को पर्यावरण के अनुकूल कृषि प्रक्रियाओं एवं टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित करने में सक्षम बनाया जाएगा। फाउंडेशन ने पंचवर्षीय रणनीति के साथ दो नए अनुदानों की घोषणा की है। इनमें महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में छोटे किसानों के लिए टेक्नोसर्व को 30 लाख डॉलर का अनुदान देना शामिल है। इसका लक्ष्य 24 एफपीओ और 30 हजार किसानों तक पहुंचना है जिनमें 50 फीसदी महिलाएं होंगी। इसी तरह ट्रिकल अप को 5,33,876 डॉलर का अनुदान देने की घोषणा की गई है जिसका लक्ष्य ओडिशा में 1,000 छोटे महिला किसानों तक पहुंचना और उन्हें दो एफपीओ से जोड़ना है।
इस मौके पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में विभिन्न कदम उठाने के साथ-साथ सरकार ने देश में 10 हजार से ज्यादा एफपीओ बनाने की पहल की है। एफपीओ की मदद से किसानों को उनके उत्पाद का अधिकतम मूल्य मिलना संभव हो सकेगा। वॉलमार्ट फाउंडेशन की प्रेसिडेंट और वॉलमार्ट इंक की एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर कैथलीन मैकलॉफलिन ने कहा, “भारत में छोटे किसानों की बाजार पहुंच को विस्तार देने की फाउंडेशन की नई प्रतिबद्धता हमारे उन प्रयासों का हिस्सा है जिसके तहत हम ऐसे समाधान तलाशते हैं जिनसे सभी संबंधित पक्षों के बीच व्यवस्थित तरीके से साझा मूल्य तैयार करने में मदद मिले। पुरानी व्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करने और महिलाओं के समावेश एवं सशक्तीकरण को बढ़ावा देते हुए छोटे किसानों के लिए आर्थिक अवसरों को बढ़ाने की दिशा में रणनीतिक परोपकार एक मजबूत साधन के रूप में भूमिका निभा सकता है।”
फ्लिपकार्ट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और चीफ कॉरपोरेट अफेयर्स ऑफिसर रजनीश कुमार ने कहा, ‘वॉलमार्ट फाउंडेशन व फ्लिपकार्ट कृषि समर्थ जैसे कार्यक्रमों के साथ मिलकर काम करते हुए एक समग्र पारिस्थितिकी तैयार कर रहे हैं जो डिजिटल इकोनॉमी से बने अवसरों का लाभ उठाते हुए किसानों को समृद्ध बनाने में सहायक है। महिला किसानों को सशक्त बनाने में मदद करना और समावेशी विकास सुनिश्चित करना हमारी सभी पहलों के केंद्र में है।’
यह पंचवर्षीय रणनीति 2018 से भारत में किसानों की आजीविका में सुधार और कमर्शियल गुड्स मार्केट तक उनकी पहुंच बढ़ाने की दिशा में किए गए वॉलमार्ट फाउंडेशन के निवेश का ही विस्तार है। 2.5 करोड़ डॉलर के निवेश के अपने शुरुआती लक्ष्य को पार करते हुए वॉलमार्ट फाउंडेशन ने 24 अनुदान कार्यक्रमों के माध्यम से 3.9 करोड़ डॉलर से अधिक की फंडिंग की है। ये अनुदान आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में दिए गए हैं। इन निवेशों के माध्यम से वॉलमार्ट फाउंडेशन से जुड़े अनुदानकर्ता सम्मिलित रूप से 8 लाख से अधिक छोटे किसानों का सहयोग करेंगे।
इस साल के आखिर से नए अनुदानों की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए भारत में प्रभाव अध्ययन करने वाली कंपनी संबोधि द्वारा किए गए अध्ययन के परिणामों को आधार बनाया जाएगा। संबोधि ने इस बात का अध्ययन किया है कि किसानों की आजीविका में सुधार और एफपीओ की आय बढ़ाने की दिशा में वॉलमार्ट फाउंडेशन के निवेश से अब तक कितना सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। अध्ययन के तहत अनुदान प्राप्त करने वाले विभिन्न एनजीओ द्वारा एफपीओ क्षमता निर्माण की दिशा में की गई विभिन्न पहलों का विश्लेषण किया गया है। इससे पता चलता है कि इन कदमों ने एफपीओ के स्तर पर व्यवस्था एवं प्रक्रिया को मजबूत किया है, राजस्व एवं लाभ बढ़ाया है। साथ ही खेती के स्तर पर एवं एफपीओ में नेतृत्व की भूमिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने में भी मदद की है।
संबोधि के अध्ययन के पाया गया है कि इनपुट प्रदान करने, अंतिम उत्पाद को ज्यादा विविधतापूर्ण बाजारों तक पहुंचाने में मदद करने और अन्य समकक्ष एफपीओ की तुलना में फाउंडेशन से जुड़े एफपीओ औसतन 29 फीसदी अधिक राजस्व हासिल करने में सफल रहे। इनमें शामिल 72 फीसदी एफपीओ लाभ में रहे, जबकि अन्य समकक्ष एफपीओ में 42 फीसदी ही मुनाफे में रहे। साथ ही उन्होंने औसतन 38 फीसदी अधिक लाभ कमाया। वॉलमार्ट फाउंडेशन द्वारा समर्थित कई एफपीओ मिलेट्स आधारित उत्पादों जैसे मिलेट फ्लोर, रेडी टू ईट ज्वार मील आदि से जुड़ने लगे हैं, जो रोजमर्रा के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। कार्यक्रम के 80 फीसदी लाभार्थी एफपीओ के संचालन, वित्तीय प्रबंधन और एडवाइजरी एवं सर्विसेज के लिए सदस्य किसानों से जुड़ने में डिजिटल तकनीक का उपयोग कर रहे थे।