'क्राप दर्पण' ऐप का नया वर्जन विकसित, फसल की बीमारी के साथ समाधान भी बताएगा
क्राप दर्पण ऐप फसलों को प्रभावित करने वाले रोगों के लक्षणों की छवि देखकर पहचानने में सक्षम है। इसके क्राप दर्पण अपलोडेड ऐप स्मार्टफोन को किसान को खेत पर ले जाना पड़ता है। क्राप दर्पण ऐप में फसल की छवि लेने के बाद अगर कोई समस्या पहचान होती है तो फसल समस्या से संबंधित जुड़े सवालों का उत्तर 'हां' या 'नहीं' पर क्लिक करके देना पड़ता है
स्मार्टफोन ऐप ‘क्राप दर्पण’ में सुधार किया गया है। यह ऐप किसान की फसल की समस्याओं की पहचान करने और फसल में आई समस्या के निदान के लिए बेहतर उपकरण है। इस ऐप के माध्यम से किसान धान या कपास की फसल समस्या मुक्त है या नहीं, इसका पता लगा सकता है। अगर धान या कपास की फसल में कोई समस्या है तो उस समस्या को पहचानने में ऐप मदद करता है। इसके साथ ही फसल में आई समस्या को दूर करने के लिए वैज्ञानिक द्वारा उचित दिशानिर्देश और सलाह दी जाती है।
क्राप दर्पण ऐप फसलों को प्रभावित करने वाले रोगों के लक्षणों की छवि देखकर पहचानने में सक्षम है। इसके क्राप दर्पण अपलोडेड ऐप स्मार्टफोन को किसान को खेत पर ले जाना पड़ता है। क्राप दर्पण ऐप में फसल की छवि लेने के बाद अगर कोई समस्या पहचान होती है तो फसल समस्या से संबंधित जुड़े सवालों का उत्तर 'हां' या 'नहीं' पर क्लिक करके देना पड़ता है।
इस माध्यम से जब किसान फसल में आई समस्या की पुष्टि करता है, तो उसे अगले स्तर के सवाल के लिए निर्देशित किया जाता है। पूछे गये सवालों का क्रम के हिसाब से जबाब इस ऐप के माध्यम से किसानों को मिल मिलता रहता है। इस प्रकार सटीक बीमारी का निदान किया जाता है।
आईआईआईटी हैदराबाद के प्रो. पी. कृष्णा रेड्डी और तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय (पीजेटीएसएयू) के प्रोफेसर जयशंकर की टीम के वैज्ञानिकों ने इस ऐप को विकसित किया है। क्राप दर्पण निम्नलिखित लिंक पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है:
Google Play Store में https://play.google.com/store/apps/details?id=in.iiit.cropdarpan
फसल की वृद्धि के दौरान कीट, जीवाणु और फंगस जनित रोग के प्रकोप और फसलों में पोषक तत्वों की कमी जैसी किसान की चिंताओं को दूर करने के लिए इस ऐप को बनाया गया है। ये मोबाइल एप्लीकेशन सभी प्रकार के व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से राष्ट्रीय कृषि संस्थानों या कृषि संस्थानों के कृषि विशेषज्ञ को संपर्क स्थापित करता है। इससे जुड़े विशेषज्ञ ना केवल फसलों को प्रभावित करने वाले रोगों के लक्षणों से अच्छी तरह वाकिफ है, बल्कि बीमारियों से निपटने में किसानों को सही मार्गदर्शन भी करते हैं।