वनस्पति तेलों का आयात पांच महीने के निचले स्तर पर, अगस्त में 16 फीसदी की गिरावट
अगस्त 2024 में वनस्पति तेलों का आयात 16 फीसदी घटकर 15.63 लाख टन रह गया, जो अगस्त 2023 में 18.66 लाख टन था। चालू तेल वर्ष के पहले 10 महीनों में आयात में 3 फीसदी की गिरावट आई है। तेल वर्ष 2023-24 में खाद्य तेलों का आयात 165 लाख टन रहने का अनुमान है

अगस्त 2024 में वनस्पति तेलों का आयात पांच महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गया। अगस्त में वनस्पति तेलों के आयात में 16 फीसदी की गिरावट आई है। देश में इस साल अगस्त में कुल 15.63 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात हुआ, जो अगस्त 2023 में 18.66 लाख टन था। वहीं, चालू तेल वर्ष 2023-24 में नवंबर से अगस्त तक पहले 10 महीनों में वनस्पति तेलों के आयात में 3 फीसदी की कमी आई है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) द्वारा जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
एसोसिएशन के मुताबिक, अगले दो महीनों सितंबर-अक्टूबर के दौरान खाद्य तेलों के आयात का व्यापार अनुमान लगभग 27 से 28 लाख टन है। ऐसे में तेल वर्ष 2023-24 (नवंबर-अक्टूबर) के लिए कुल आयात पिछले वर्ष के लगभग बराबर 160-165 लाख टन के बीच रहने की संभावना है।
तेल वर्ष 2023-24 के पहले 10 महीनों में 1.36 करोड़ टन वनस्पति तेलों का आयात हुआ, जबकि तेल वर्ष 2022-23 की इसी अवधि में यह 1.41 करोड़ टन था। इस साल अगस्त महीने में देश में 15.36 लाख टन खाद्य तेल और 27,100 टन गैर खाद्य वनस्पति तेल का आयात हुआ जबकि अगस्त 2023 में खाद्य तेल का आयात 18.52 लाख टन और गैर खाद्य वनस्पति तेल का आयात 14,008 टन हुआ था।
एसोसिएशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पिछले दो महीनों में सोयाबीन की कीमतें केंद्र सरकार द्वारा आगामी खरीफ मार्केटिंग सीजन (2024-25) के लिए तय 4892 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 550 से 600 रुपये प्रति क्विंटल कम रही थीं, जिससे किसान काफी चिंतित थे। नई फसल आने में अब सिर्फ 4 से 5 हफ्तों का समय बाकी है, जिससे कटाई के दौरान किसानों पर और दबाव बढ़ेगा। एसोसिएशन ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक को 4892 रुपये प्रति क्विंटल पर सोयाबीन खरीदने की अनुमति देने के लिए केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। एसोसिएशन का कहना है कि इससे कीमतों को समर्थन मिला है और हाल ही में कीमतें 4600 से 4700 रुपये प्रति क्विंटल के बीच आ गई हैं।
एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से कच्चे खाद्य तेलों और रिफाइंड तेलों के आयात शुल्क में 20 से 25 फीसदी की वृद्धि करने और 15 फीसदी का शुल्क अंतर रखने की मांग की है। एसोसिएशन ने कहा है कि इससे किसानों को उनकी उपज के लिए अच्छा मूल्य मिलेगा और बाजार में कीमतें एमएसपी से अधिक हो जाएंगी, जिससे सरकार को एमएसपी पर खरीद नहीं करनी पड़ेगी। यह सभी के लिए एक जीत की स्थिति होगी। एसईए केंद्र सरकार से आयात शुल्क बढ़ाने की लगातार मांग कर रहा है और उम्मीद है कि सरकार इस पर सकारात्मक निर्णय लेगी।
चालू तेल वर्ष 2023-24 में नवंबर 2023 से अगस्त 2024 के दौरान 10 महीनों में पाम ऑयल का आयात 7 फीसदी घटा है। यह आयात गत वर्ष में 82.46 लाख टन था, जो इस साल घटकर 76.42 लाख टन रह गया। इस दौरान रिफाइंड ऑयल के आयात में 16 फीसदी और क्रूड ऑयल के आयात में 2 फीसदी की गिरावट आई है।
एसोसिएशन के मुताबिक, तेल वर्ष 2023-24 के पहले 10 महीनों के दौरान भारत में सोयाबीन तेल का आयात 27.14 लाख टन रहा, जो नवंबर-अगस्त 2022-23 के दौरान 31.82 लाख टन था। हालांकि, नवंबर-अगस्त 2023-24 के दौरान भारत में सूरजमुखी तेल का आयात बढ़कर 31.14 लाख टन रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 25.46 लाख टन था।