यूपी सरकार ने गन्ने का भाव 20 रुपये बढ़ाया, किसानों को थी ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का ऐलान किया है।
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चालू पेराई सत्र 2023-24 के लिए गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) 20 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने का निर्णय लिया गया। हालांकि, किसानों को चुनावी साल में गन्ना मूल्य अधिक बढ़ने की उम्मीद थी। क्योंकि इस साल गन्ना उत्पादन में कमी के चलते चीनी उत्पादन में गिरावट का अनुमान है और चीनी मिलें एथेनॉल के जरिए भी कमाई कर रही हैं।
मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुए गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि अगैती प्रजातियों के गन्ना का मूल्य गत वर्ष के 350 रुपये क्विंटल से बढ़कर 370 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार सामान्य प्रजाति के लिए गत वर्ष के 340 रुपये प्रति क्विंटल के मूल्य को बढ़ाकर 360 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य तय किया गया है। अनुपयुक्त प्रजाति के लिए गन्ना मूल्य गत वर्ष 335 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसे बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। गन्ना मंत्री चौधरी ने बताया कि चीनी मिलों के वाह्य क्रय केंद्र से गन्ने का परिवहन मिल गेट तक कराए जाने में होने वाली ढुलाई कटौती की दर 45 पैसे प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर अधिकतम 9 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। गन्ना समितियों एवं गन्ना विकास परिषदों को देय अंशदान की दर 5.50 रुपये प्रति क्विंटल रखी गई है।
पड़ोसी राज्य हरियाणा में गन्ना मूल्य 386 रुपये और पंजाब में 391 रुपये प्रति क्विंटल घोषित हुआ है। इसके पहले 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले यूपी सरकार ने 2021 में गन्ना मूल्य में 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी। योगी सरकार के पिछले सात वर्षों के कार्यकाल में गन्ने का भाव तीसरी बार बढ़ाया गया है। वर्ष 2017 में योगी सरकार जब पहली बार सत्ता में आई थी तो गन्ना मूल्य में 10 रुपये/क्विंटल की वृद्धि हुई थी।
7 वर्षों में 55 रुपये बढ़ा दाम
इस प्रकार सात वर्षों में यूपी में गन्ना मूल्य कुल मिलाकर 55 रुपये बढ़ा है। इस साल राज्य के किसान कम से कम 400 रुपये क्विंटल गन्ना भाव की मांग कर रहे थे। गन्ने की बढ़ी मांग के चलते पश्चिमी यूपी में गुड़ और खांडसारी इकाइयां किसानों को 375-400 रुपये तक भाव देने लगी थी, जिसे देखते हुए गन्ने के एसएपी में बंपर बढ़ोतरी की उम्मीद थी। अक्टूबर में शुरू हुए पेराई सत्र में गन्ना मूल्य की घोषणा में देरी को लेकर विपक्षी दल और किसान संगठन भाजपा सरकार पर निशाना साध रहे थे।
राकेश टिकैत ने बढ़ोतरी को बताया नाकाफी
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गन्ना मूल्य में 20 रुपये की बढ़ोतरी को नाकाफी बताते हुए कहा कि खेती महंगी हो रही है इतनी बढ़ोतरी से क्या होगा। कृषि यंत्रों, कीटनाशक, जुताई, डीजल समेत अन्य चीजों के दाम बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 20 रुपये बढ़ाए हैं, लेकिन यह लाभकारी मूल्य नहीं है। इस दाम से किसान की आय दोगुनी नहीं हो सकती है।