उर्वरकों की बोरी का नया डिजाइन, पीएम की अपील, लागत, सब्सिडी एवं कीमत की जानकारी देना हुआ अनिवार्य
प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना के तहत सरकार ने जो ‘एक राष्ट्र एक उर्वरक’ अभियान की शुरुआत की है, उसमें उर्वरकों के बैग पर किसानों से रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कम करने की अपील भी छापी जाएगी। इस बारे में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने 18 अगस्त को सभी उर्वरक कंपनियों के सीएमडी तथा एमडी को पत्र भेजा है।
प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना के तहत सरकार ने जो ‘एक राष्ट्र एक उर्वरक’ अभियान की शुरुआत की है, उसमें उर्वरकों के बैग पर किसानों से रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कम करने की अपील भी छापी जाएगी। इस बारे में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने 18 अगस्त को सभी उर्वरक कंपनियों के सीएमडी तथा एमडी को पत्र भेजा है।
इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सभी उर्वरक उत्पादक कंपनियों को बैग के ऊपर प्रधानमंत्री की किसानों से यह अपील भी छापनी पड़ेगी। प्रधानमंत्री की तरफ से किसानों से रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कम करने और संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करने की अपील की गई है, ताकि धरती को बचाया जा सके।
अधिसूचना के मुताबिक यह आदेश केंद्र सरकार की तरफ से हाल में स्वीकृत पीएम प्रणाम के लक्ष्यों के अनुरूप है। पीएम प्रणाम में धरती को बचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए रासायनिक उर्वरकों के संतुलित और सस्टेनेबल प्रयोग को बढ़ावा देने, ऑर्गेनिक/बायो तथा नैनो फर्टिलाइजर को विकल्प के तौर पर अपनाने, प्राकृतिक/ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने, संसाधनों को बचाने के लिए माइक्रो इरिगेशन और जीरो टिलेज जैसे तरीके अपनाने पर जोर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 अक्टूबर 2022 को पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022 में प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना- एक राष्ट्र एक उर्वरक की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि ‘एक राष्ट्र, एक उर्वरक’ से किसान को खाद की गुणवत्ता और उसकी उपलब्धता को लेकर फैली हर तरह की भ्रांति से मुक्ति मिलने वाली है। अब देश में बिकने वाला यूरिया एक ही नाम, एक ही ब्रांड और एक ही गुणवत्ता का होगा और यह ब्रांड ‘भारत’ है! अब यूरिया पूरे देश में केवल 'भारत' ब्रांड नाम के तहत ही उपलब्ध होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे उर्वरकों की लागत कम होगी और उनकी उपलब्धता भी बढ़ेगी। उस दिन देश भर में 3.25 लाख से अधिक उर्वरक दुकानों को ‘प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों’ के रूप में विकसित करने का एक अभियान भी शुरू किया गया था।