किसान सभा ने टायर निर्माताओं पर लगाया रबर की कीमतें कंट्रोल करने का आरोप

अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने टायर निर्माताओं पर प्राकृतिक रबर की कीमतों को कंट्रोल करने का आरोप लगाया है। किसान सभा का कहना है कि इससे केरल और त्रिपुरा में रबर किसान प्रभावित हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च कीमतों के बावजूद घरेलू कीमतों में गिरावट से किसानों की आजीविका खतरे में है, जबकि टायर कंपनियां लाभ कमा रही हैं

किसान सभा ने टायर निर्माताओं पर लगाया रबर की कीमतें कंट्रोल करने का आरोप

अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने टायर निर्माताओं पर प्राकृतिक रबर की कीमतों को नियंत्रित करने का आरोप लगाया है। किसान सभा का कहना है कि इससे लाखों रबर किसानों, श्रमिकों और छोटे व्यापारियों की आजीविका पर गंभीर असर पड़ रहा है।

किसान सभा के अनुसार, प्रमुख रबर उत्पादक राज्य केरल में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां रबर किसान अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे हैं। वहीं, त्रिपुरा में भी हालात खराब हैं, जहां आदिवासी किसानों के लिए रबर आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

किसान सभा का कहना है कि हाल ही में प्राकृतिक रबर की कीमतों में भारी गिरावट आई है। केरल की कोट्टायम रबर मंडी में 9 अगस्त को प्राकृतिक रबर की कीमत 247 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो 24 अक्टूबर को गिरकर 184 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। कोट्टायम मंडी को देश भर में प्राकृतिक रबर के लिए जाना जाता है। यहां मिल रही कीमतों के आधार पर ही देशभर में रबर की कीमतें तय होती हैं।  

किसान सभा का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्राकृतिक रबर की कीमत (बैंकॉक, थाईलैंड) घरेलू बाजार से लगभग 30 रुपये प्रति किलोग्राम अधिक है। जब घरेलू बाजार में रबर की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों से अधिक होती हैं, तो टायर निर्माता सरकार पर रबर के ड्यूटी-मुक्त आयात का दबाव बनाते हैं, जिससे टायर उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में मदद मिलती है।

किसान सभा के अनुसार, कुछ महीनों पहले जब रबर की घरेलू कीमतें थोड़ी ज्यादा थीं, तब टायर निर्माताओं ने यही तरीका अपनाया था। अप्रैल से सितंबर के बीच, आयात में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो पिछले साल के 2.54 लाख टन से बढ़कर इस साल 3.10 लाख टन हो गया। किसान सभा का कहना है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में रबर की कीमतें घरेलू बाजार से ज्यादा होती हैं, तो सरकार किसानों को अच्छी कीमत दिलाने के लिए रबर के निर्यात के लिए कोई कदम नहीं उठाता। किसान सभा ने केंद्र सरकार से तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि रबर के लिए उचित मूल्य तंत्र लागू किया जाना चाहिए, जिससे किसानों को बेहतर दाम मिल सकें।

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