टॉप 5 चुनावी खबरें: पंजाब में आप को डबल झटका, सपा में रामपुर-मुरादाबाद पर घमासान
पंजाब में आम आदमी पार्टी को बुधवार को बड़ा झटका लगा। लोकसभा में पार्टी के एकमात्र सांसद सुशील कुमार रिंकू भाजपा में शामिल हो गए हैं। रिंकू को पार्टी जालंधर से टिकट देने का ऐलान कर चुकी थी। जालंधर वेस्ट से आप विधायक शीतल अंगुराल भी भाजपा में चले गये। पंजाब में कांग्रेस और आप के नेताओं का बीजेपी में शामिल होने का सिलसिला जारी है। भाजपा में जाने के बाद सुशील कुमार रिंकू ने कहा कि वह पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की कार्यशैली से प्रभावित हैं। उनकी पार्टी (आप) ने उनका साथ नहीं दिया इसलिए वे जालंधर की जनता से किए वादे पूरे नहीं कर पाये। माना जा रहा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद रिंकू के अब भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना है। रिंकू अप्रैल 2023 में कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में आए थे।
सपा में रामपुर और मुरादाबाद को लेकर घमासान
टिकट बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी में आज दिन भर सियासी घमासान मचा रहा। मुरादाबाद सीट पर सपा ने पहले डॉ. एसटी हसन को उम्मीदवार बनाया। मंगलवार को हसन ने सपा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया था। लेकिन बुधवार को सपा ने रुचि वीरा को सिंबल दे दिया और उन्होंने भी नामांकन कर दिया। रुचि वीरा का कहना है कि वह पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी हैं। एसटी हसन का टिकट कटने पर उनके समर्थकों ने आजम खान और रुचि वीरा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। माना जा रहा है कि आजम खान ने हसन का टिकट कटवाया है। सपा के राज्यसभा सांसद जावेद अली खान ने मुरादाबाद के फैसले पर सवाल उठाया। उधर, रामपुर में आजम खां चाहते थे कि अखिलेश यादव रामपुर से चुनाव लड़े। लेकिन सपा ने रामपुर से दिल्ली संसद मार्ग की जामा मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट का मसला सुलझाने के लिए सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल खुद रामपुर पहुंचे थे। दोनों सीटों पर आज नामांकन का आखिरी दिन था।
सुप्रिया श्रीनेत और दिलीप घोष को चुनाव आयोग का नोटिस
लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में गरमाहट और कड़वाहट बढ़ने के साथ चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी के नेता दिलीप घोष और कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत को नोटिस भेजा है। भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार कंगना रनौत के खिलाफ सुप्रिया श्रीनेत के बयान को लेकर भाजपा ने शिकायत दर्ज कराई थी तो पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ बयान के लिए तृणमूल कांग्रेस ने दिलीप घोष के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की थी। आयोग ने इन दोनों से 29 मार्च की शाम 5:00 बजे तक जवाब दाखिल करने को कहा है। आयोग का कहना है की पहली नजर में इनकी टिप्पणी अमर्यादित लगती है और यह आचार संहिता का उल्लंघन है। सुप्रिया श्रीनेत ने हिमाचल प्रदेश की मंडी से भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत की एक तस्वीर के साथ सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी जिसे लेकर विवाद हुआ। ममता बनर्जी के बारे में दिलीप घोष ने कहा था कि उन्हें पहले यह तय करना चाहिए कि उनके पिता कौन हैं।
बेरोजगारी पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा
बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कांग्रेस ने हमला बोला है। पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि देश बेरोजगारी के बम पर बैठा है। देश के युवा मोदी सरकार की उदासीनता का दंश झेल रहे हैं। सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि युवाओं को रोजगार देने के लिए कांग्रेस के पास एक ठोस योजना है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और इंस्टिट्यूट ऑफ़ ह्यूमन डेवलपमेंट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए खड़गे ने लोगों से आग्रह किया कि वह वोट देने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उसे दावे को याद रखें जिसमें उन्होंने 10 साल में 20 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, जबकि वास्तव में 12 करोड़ युवाओं की नौकरियां छीन ली गई हैं। खड़गे ने कहा, मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार यह कहकर सरकार का बचाव कर रहे हैं कि सरकार बेरोजगारी जैसी सभी सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती है। आईएलओ रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने कहा कि भारत के 83% बेरोजगार युवा हैं, ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 17.5% युवा नियमित काम में लगे हैं।
मेनका और वरुण का पीलीभीत से 35 साल का नाता टूटा
नामांकन दाखिल करने की समय सीमा समाप्त होने के साथ ही उत्तर प्रदेश की पीलीभीत लोकसभा सीट से मेनका गांधी और वरुण गांधी का 35 साल पुराना नाता टूट गया। भाजपा से टिकट कटने के बाद वरुण गांधी के पीलीभीत से निर्दलीय चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन नामांकन की अवधि समाप्त होने के साथ ही इन अटकलों पर विराम लग गया है। पीलीभीत से वर्तमान सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर भाजपा ने जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है जबकि मेनका गांधी को भाजपा ने सुल्तानपुर से टिकट दिया है। मेनका गांधी पहली बार 1989 में जनता दल के टिकट पर पीलीभीत से सांसद बनी थीं। लेकिन 2009 में भाजपा ने वरुण गांधी को पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया था। 2014 में पीलीभीत से मेनका गांधी भाजपा उम्मीदवार थीं जबकि वरुण गांधी सुल्तानपुर से चुनाव लड़े। 2019 में वरुण गांधी पीलीभीत और मेनका गांधी सुल्तानपुर से संसद पहुंचे थे।