प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं। ऐसी कृषि प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है।
78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। साथ ही उन्होंने रासायनिक उर्वरकों के उपयोग के कारण मिट्टी के स्वास्थ्य में गिरावट पर भी चिंता व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं। ऐसी कृषि प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि भारत दुनिया की जैविक खाद्य टोकरी बन सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी कृषि प्रणाली को बदलना बहुत महत्वपूर्ण है। यह समय की मांग है। सरकार किसानों को आधुनिक पद्धतियां अपनाने के लिए हरसंभव मदद मुहैया करा रही है। ड्रोन की खरीद के लिए आसान ऋण ऐसे ही एक उपाय है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत के भविष्य के लिए महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के भारत के प्रयासों में ग्रीन जॉब्स के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश का ध्यान अब ग्रीन ग्रोथ और ग्रीन जॉब्स पर है, जो पर्यावरण संरक्षण में योगदान करते हुए रोजगार के अवसर पैदा करेंगे। प्रधानमंत्री ने ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में वैश्विक नेता बनने और पर्यावरण संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय विशेष कार्यक्रम के लिए 1,000 से अधिक किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में आमंत्रित किया है। इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस की थीम 2024 में विकसित भारत है।