चालू पेराई सीजन के चीनी उत्पादन में 12 फीसदी गिरावट का अनुमान
चालू पेराई सीजन (2024-25) में चीनी उत्पादन पिछले साल से 39 लाख टन कम रहने का अनुमान है। पिछले साल के 319 लाख टन चीनी उत्पादन के मुकाबले चालू सीजन में 280 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान है
गन्ने की कमजोर फसल और चीनी रिकवरी में गिरावट के चलते चालू पेराई सीजन (2024-25) में चीनी उत्पादन पिछले साल से 39 लाख टन यानी 12.23 फीसदी कम रहने का अनुमान है। पिछले साल के 319 लाख टन चीनी उत्पादन के मुकाबले चालू सीजन में चीनी उत्पादन 280 लाख टन रह सकता है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ कोआपरेटिव शुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) द्वारा जारी अनुमानों के मुताबिक, 15 दिसंबर तक देश में चीनी का उत्पादन पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 13.50 लाख टन कम रहा है जो करीब 18 फीसदी की गिरावट दर्शाता है।
नेशनल फेडरेशन के अध्यक्ष हर्षवर्धन पाटिल ने कहा है कि 15 दिसंबर, 2024 तक देश भर की 472 चीनी मिलों ने कुल 720 लाख टन गन्ने की पेराई शुरू की है। जिससे 60.85 लाख टन से अधिक चीनी उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस अवधि तक 74.20 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था।
इस साल गन्ने में चीनी की रिकवरी का स्तर 8.46 फीसदी रहा है जो पिछले साल शुगर रिकवरी 8.72 फीसदी थी। पिछले साल इस समय तक देश में 501 चीनी मिलें पेराई कर रही थीं जबकि इस साल अभी तक 472 चीनी मिलों ने पेराई शुरू की है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए देश में चालू सीजन के दौरान कुल 280 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है जबकि पिछले साल चीनी का कुल उत्पादन 319 लाख टन रहा था।
इस प्रकार चालू सीजन में पिछले साल के मुकाबले 39 लाख टन कम चीनी उत्पादन के आसार हैं। चीनी के 280 लाख टन उत्पादन के अलावा करीब 40 लाख टन चीनी का उपयोग एथेनॉल उत्पादन के लिए किया जाएगा।
पाटिल ने कहा है कि चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) और एथेनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी न होना ऐसे मुद्दे हैं जिन पर तुरंत फैसले की जरूरत है। हम इन मुद्दों को सरकार के सामने उठा रहे हैं। उम्मीद है कि अगले दो-तीन सप्ताह में इन पर सरकार फैसले लेगी। इसके साथ ही जनवरी, 2025 में चीनी उत्पादन के आकलन के बाद सरकार चीनी के निर्यात को लेकर कई फैसला ले सकती है।