चीनी उत्पादन में मामूली कमी, 15 मार्च तक घटकर रह गया 281 लाख टन
देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में उत्पादन घटकर 1.019 करोड़ टन रहा जो एक साल पहले की इसी अवधि में 1.090 करोड़ टन था। जबकि चीनी के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस दौरान उत्पादन बढ़कर 79.6 लाख टन पर पहुंच गया है। पिछले साल की समान अवधि में उत्पादन 78.3 लाख टन रहा था।
चालू विपणन वर्ष 2022-23 के 15 मार्च तक चीनी उत्पादन में मामूली कमी दर्ज की गई है। यह इससे पिछले विपणन वर्ष 2021-22 की समान अवधि के 2.845 करोड़ टन के मुकाबले घटकर 2.818 करोड़ टन रह गया है। चीनी उद्योग के शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने यह जानकारी दी है। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।
इस्मा की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में बताया गया है कि 15 मार्च तक देशभर में करीब 336 चीनी मिलें चल रही थीं। एक साल पहले की इसी अवधि में 438 चीनी मिलें पेराई कर रही थीं। अपने बयान में इस्मा ने कहा है कि एथेनॉल उत्पादन के लिए डायवर्जन के बाद देश का चीनी उत्पादन चालू विपणन वर्ष की शुरुआत 1 अक्टूबर से लेकर 15 मार्च तक 2.818 करोड़ टन रहा। इस अवधि में एथेनॉल उत्पादन के लिए डायर्वजन में काफी बढ़ोतरी हुई है। यह 2021-22 की इसी अवधि के 25.4 लाख टन की तुलना में बढ़कर 31.1 लाख टन पर पहुंच गई।
बयान के मुताबिक, समीक्षाधीन अवधि में देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में उत्पादन घटकर 1.019 करोड़ टन रहा जो एक साल पहले की इसी अवधि में 1.090 करोड़ टन था। जबकि चीनी के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस दौरान उत्पादन बढ़कर 79.6 लाख टन पर पहुंच गया है। पिछले साल की समान अवधि में उत्पादन 78.3 लाख टन रहा था। देश के तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में भी उत्पादन मामूली गिरावट के साथ 53.5 लाख टन रह गया है जो एक साल पहले की इसी अवधि में 55.4 लाख टन था। देश के अन्य राज्यों में उत्पादन 40.18 लाख टन की तुलना में थोड़ा अधिक बढ़कर 40.68 लाख टन रहा है।
इसी साल जनवरी में इस्मा ने 2022-23 के लिए अपने चीनी उत्पादन अनुमान को घटाकर 3.4 करोड़ टन कर दिया था। इससे पहले चालू विपणन वर्ष की शुरुआत अक्टूबर 2022 में 3.65 करोड़ टन चीनी उत्पादन का उद्योग संगठन ने अनुमान लगाया था। विपणन वर्ष 2021-22 में चीनी उत्पादन 3.58 करोड़ टन रहा था।