डीएपी सब्सिडी में 15,792 रुपये प्रति टन की कटौती, वैश्विक कीमतों में गिरावट से सरकार के सब्सिडी बिल में होगी बड़ी बचत
खरीफ सीजन (2023-24) के लिए डीएपी की जो सब्सिडी तय की गई हैं वह रबी सीजन 2022-23 के लिए 1 अक्टूबर, 2022 से 31 मार्च, 2023 के लिए 2 नवंबर, 2022 को अधिसूचित सब्सिडी के मुकाबले 15,792 रुपये प्रति टन कम है। खरीफ 2023-24 में डीएपी पर 32,641 रुपये प्रति टन की सब्सिडी मिलेगी, जबकि नवंबर 2022 में डीएपी पर 48,433 रुपये प्रति टन की सब्सिडी तय की गई थी। इसके साथ ही 18 मई को ही एक दूसरा ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर रबी सीजन 2022-23 की 1 जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2023 की अवधि के लिए एनबीएस के तहत सब्सिडी की नई दरें तय की गई हैं जो 2 नवबंर, 2022 को अधिसूचित दरों के मुकाबले कम है। ऐसे में रबी सीजन के अंतिम तीन माह की अवधि के लिए डीएपी पर सब्सिडी में 8,200 रुपये प्रति टन की कमी की गई है। जनवरी से मार्च 2023 की अवधि के लिए डीएपी पर 40,841 रुपये प्रति टन की सब्सिडी तय की गई है।
केंद्र सरकार ने विनियंत्रित उर्वरकों पर न्यूट्रिएंट आधारित सब्सिडी (एनबीएस) स्कीम के तहत खरीफ सीजन 2023-24 के लिए पीएंडके उर्वरकों के विभिन्न वेरिएंट पर सब्सिडी में भारी कटौती की है। विनियंत्रित उर्वरकों में कॉम्प्लेक्स उर्वरकों में सबसे अधिक बिकने वाले डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर खरीफ सीजन के लिए 32,641 रुपये प्रति टन की सब्सिडी मिलेगी। इस संबंध में 18 मई, 2023 को डिपार्टमेंट ऑफ फर्टिलाइजर्स ने ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर नई सब्सिडी दरों को अधिसूचित किया है। यह अधिसूचना कैबिनेट द्वारा 17 मई को लिए गये फैसले के आधार पर जारी की गई है।
अधिसूचना के मुताबिक, 1 अप्रैल, 2023 से 30 सितंबर, 2023 के दौरान खरीफ सीजन (2023-24) के लिए डीएपी की जो सब्सिडी तय की गई हैं वह रबी सीजन 2022-23 में 1 अक्टूबर, 2022 से 31 मार्च, 2023 के लिए 2 नवंबर, 2022 को अधिसूचित सब्सिडी के मुकाबले 15,792 रुपये प्रति टन कम है। खरीफ 2023-24 में डीएपी पर 32,641 रुपये प्रति टन की सब्सिडी मिलेगी, जबकि नवंबर 2022 में डीएपी पर 48,433 रुपये प्रति टन की सब्सिडी तय की गई थी। इसके साथ ही 18 मई को ही एक दूसरा ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर रबी सीजन 2022-23 की 1 जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2023 की अवधि के लिए एनबीएस की नई दरें तय की गई हैं जो 2 नवबंर, 2022 को अधिसूचित दरों के मुकाबले कम है। ऐसे में रबी सीजन के अंतिम तीन माह की अवधि के लिए डीएपी पर सब्सिडी में 7592 रुपये प्रति टन की कमी की गई है। जनवरी से मार्च 2023 की अवधि के लिए डीएपी पर 40,841 रुपये प्रति टन की सब्सिडी तय की गई है। रबी सीजन के दूसरे हिस्से के मुकाबले खरीफ के लिए डीएपी सब्सिडी में 8200 रुपये प्रति टन की कमी की गई है।
उर्वरक उद्योग के एक सूत्र ने रूरल वॉयस को बताया कि जनवरी में डीएपी की वैश्विक कीमतें 900 डॉलर प्रति टन के आसपास चल रही थी जो अप्रैल में घटकर 550 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गई थी और इस समय घटकर 460 डॉलर प्रति टन के स्तर पर आ गई हैं। डीएपी की किसानों के लिए कीमत 1350 रुपये प्रति बैग (50 किलो) है। ऐसे में यह कीमत 27,000 रुपये प्रति टन आती है। उक्त सूत्र का कहना है कि खरीफ सीजन के लिए 32,641 रुपये की सब्सिडी के साथ मौजूदा आयात कीमतों पर कंपनियों को कोई घाटा नहीं होगा। मगर जनवरी से मार्च 2023 के लिए सब्सिडी दरों में की गई कमी से कंपनियों को नुकसान होगा।
एनबीएस के तहत सरकार द्वारा पीएंडके उर्वरकों के 25 वेरिएंट के लिए सब्सिडी दी जाती है। रबी सीजन 2022-23 के अंतिम तीन माह और खरीफ सीजन 2023-24 के लिए अधिकांश वेरिएंट पर सब्सिडी में कटौती की गई है। वैश्विक बाजार में उर्वरकों और उनके कच्चे माल की कीमतों में आई भारी गिरावट के चलते यह फैसला लिया गया है। सरकार द्वारा सब्सिडी में कटौती के बावजूद डीएपी और अन्य पीएंडके उर्वरकों की किसानों के लिए कीमतों में किसी बदलाव की उम्मीद कम ही है, लेकिन इस कदम से सरकार को उर्वरक सब्सिडी में भारी बचत होगी।
रबी सीजन के अंतिम तीन माह की अवधि के लिए जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इस दौरान उर्वरक कंपनियों ने पीओएस सेल के आधार पर अगर 2 नवंबर, 2022 को जारी अधिसूचना के तहत अधिक सब्सिडी ली है तो उसे कंपनी के पेंडिंग सब्सिडी बिल के साथ एडजस्ट किया जाएगा।
नई सब्सिडी दरों के मुताबिक खरीफ 2023-24 के लिए एनबीएस के तहत सब्सिडी दरों में कॉम्पलेक्स उर्वरकों के 24 वेरिएंट पर सब्सिडी में 641 रुपये से 15,840 रुपये प्रति टन की कटौती की गई है।
एनबीएस (पोषण आधारित सब्सिडी) के तहत सरकार नाइट्रोजन (एन), फॉस्फोरस (पी), पोटाश (के) और सल्फर (एस) के लिए प्रति किलो की दर से सब्सिडी तय करती है। खरीफ सीजन (2023-24) में 1 अप्रैल, 2023 से 30 सितंबर, 2023 की अवधि के लिए चारों न्यूट्रिएंट की सब्सिडी दरों में कटौती की गई है। खरीफ सीजन के लिए रबी के लिए नवंबर में तय दरों के मुकाबले नाइट्रोजन (एन) पर सब्सिडी में 21.53 रुपये प्रति किलो की कटौती कर इसे 76.49 रुपये प्रति किलो कर दिया गया है। फॉस्फोरस (पी) पर सब्सिडी में 25.90 रुपये किलो की कटौती कर इसे 41.03 रुपये प्रति किलो, पोटाश (के) पर सब्सिडी में 7.74 रुपये प्रति किलो की कटौती कर 15.91 रुपये प्रति किलो और सल्फर (एस) पर सब्सिडी दर में 3.32 रुपये प्रति किलो की कटौती कर इसे 2.80 रुपये प्रति किलो किया गया है। इस सीजन के लिए पीएंडके उर्वरकों के 24 वेरिएंट पर सब्सिडी में कटौती की गई है। केवल पीडीएम (पोटाश डिराइव्ड फ्रॉम मोलेसेज) पर सब्सिडी में 840 रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 2307 रुपये प्रति टन कर दिया गया है।
इसके साथ ही उर्वरक विभाग ने दोनों अधिसूचनाओं में कहा है कि कंपनियों को पीएंड के उर्वरकों की लागत का डाटा और अधिकतम खुदरा मूल्य और सब्सिडी की जानकारी उर्वरक विभाग को देनी होगी। अगर किसी कंपनी ने तर्कसंगत मुनाफे के मुकाबले अधिक मुनाफा लिया तो उसकी रिकवरी कंपनी के सब्सिडी बिल से की जाएगी।
उर्वरक विभाग द्वारा 18 मई, 2023 को जारी दोनों अधिसूचनाओं से साफ है कि उर्वरकों की वैश्विक कीमतों में दिसंबर, 2022 के बाद से आई लगातार गिरावट का फायदा सरकार सब्सिडी की बड़ी बचत के रूप में लेना चाहती है। सरकार ने पिछले वित्त वर्ष (2022-23) के 2.25 लाख करोड़ रुपये के संशोधित सब्सिडी अनुमान के मुकाबले चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए 1,75,100 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी का प्रावधान किया है।