टोहाना में एसकेएम की महापंचायत, किसानों से वार्ता शुरू करने की मांग
एसकेएम के नेताओं ने आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि उनको कुछ हो गया तो इसके लिए केंद्र और हरियाणा सरकार जिम्मेदार होगी।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आज हरियाणा के फतेहाबाद जिले के टोहाना में महापंचायत कर किसानों की एकता को मजबूत करने पर जोर दिया। एसकेएम ने मोदी सरकार को चेतावनी दी कि वह कृषि विपणन नीति रूपरेखा (एनपीएफएएम) के मसौदे को तुरंत वापस ले और किसान संगठनों से वार्ता शुरू करे।
एसकेएम के नेताओं ने आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि उनको कुछ हो गया तो इसके लिए केंद्र और हरियाणा सरकार जिम्मेदार होगी। एसकेएम की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, महापंचायत ने किसानों की एकता को और मजबूत करने का आह्वान किया और पंजाब के खनौरी व शंभू बॉर्डर पर किसानों के संघर्ष के साथ एकजुटता व्यक्त की।
टोहाना अनाज मंडी में आयोजित महापंचायत में राकेश टिकैत, जोगेंद्र सिंह उग्राहां, डॉ. दर्शन पाल समेत संयुक्त किसान मोर्चा के कई नेता शामिल हुए। महापंचायत में महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। महापंचायत की अध्यक्षता सभी संगठनों की ओर बनाए गए अध्यक्ष मंडल ने की।
राकेश टिकैत ने कहा कि अगला आंदोलन केएमपी के चारों ओर करने की योजना संयुक्त किसान मोर्चा के समक्ष रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि 24 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर हरियाणा सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। मरणव्रत पर बैठे वरिष्ठ नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के जीवन को बचाने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाने चाहिए। उन्होंने बताया कि एकता के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने जो वरिष्ठ नेताओं की कमेटी गठित की थी वह प्रयासरत है।
किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां ने कहा कि 25 नवंबर को जो मसौदा जारी किया गया है उससे अनाज का व्यापार कॉरपोरेट के हाथ में चला जाएगा। विश्व व्यापार संगठन और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के खिलाफ बहुत तीखी और बड़ी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। उन्होंने किसानों से एकता बनाने की अपील की। एसकेएम के किसान नेताओं ने घोषणा की है कि आगामी 24 जनवरी को दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय जनरल बाडी मीटिंग बुलाई गई है उसमें आगे के आंदोलन के चरण की घोषणा की जाएगी।
महापंचायत में कॉमरेड इंद्रजीत सिंह ने कृषि मंडी के राष्ट्रीय प्रारूप के मसौदे को एक स्वर से अस्वीकार करते हुए सभी ग्राम पंचायतों से आग्रह किया गया कि वह सभी इस प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए 10 जनवरी तक केंद्र सरकार को भेजें।
एसकेएम की महापंचायत में रमिंदर पटियाला, कृष्ण प्रसाद, मनजीत सिंह धनेर, सुखदेव जम्मू, आर.वेंकैया, सत्यवान, सुरेश कोथ, बलदेव निहालगढ़, इंद्रजीत सिंह, अमरीक सिंह, किरण जीत शेखों, जोगेंद्र नैन, विकास सीसर, रुलदू सिंह मानसा, प्रेम सिंह गहलावत, कर्म जीत सिंह, मास्टर बलबीर, हरजिंदर ननुआना, बाबा गुरदीप सिंह, सुबेदार रणबीर मलिक, जगमति सांगवान उपस्थित रहे।
बस हादसे में तीन महिला किसानों की मौत
पंजाब के बरनाला में बस दुर्घटना में बीकेयू एकता उग्राहां से जुड़ी तीन महिला किसानों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गईं। यह हादसा उस समय हुआ जब बस में सवार बीकेयू एकता उग्राहां से जुड़ी महिलाएं पंजाब के बठिंडा जिले के एक गांव से हरियाणा के टोहाना में किसान महापंचायत में शामिल होने जा रही थीं। बस 52 से अधिक लोग सवार थे। बरनाला के एसएचओ कुलजिंदर सिंह ने बताया कि इलाके में कोहरा था और बस दुर्घटनाग्रस्त होकर बाईपास पर पलट गई। मृतकों में जसवीर कौर पत्नी जीत सिंह, सरबजीत कौर पत्नी सुखपाल सिंह (नंबरदार) और बलवीर कौर पत्नी बंत सिंह शामिल हैं।
किसान महापंचायत ने सड़क हादसे में तीन महिला किसानों की दुखद मौत पर शोक व्यक्त किया और पंजाब सरकार से पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देने की मांग की।