वैश्विक अनिश्चतता के बीच भारत का कृषि निर्यात 12.69 फीसदी बढ़ा, चावल निर्यात में 19.73 फीसदी की बढ़ोतरी
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत का चावल निर्यात 19.73 फीसदी बढ़कर 12.47 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। जबकि मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में 12.57 फीसदी बढ़कर 5.09 अरब डॉलर हो गया।

विश्व व्यापार को लेकर जारी अनिश्चतताओं के बीच वित्त वर्ष 2024-25 में भारत के कृषि निर्यात में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादन निर्यात विकास प्रधिकरण (एपीडा) के तहत आने वाले कृषि उत्पादों का निर्यात 12.69 फीसदी बढ़कर 25.14 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। देश से कृषि उत्पादों के कुल निर्यात में एपीडा के तहत आने वाले उत्पादों के निर्यात की हिस्सेदारी लगभग 51 फीसदी है। इस प्रकार देश का कुल कृषि निर्यात 50 अरब डॉलर के पार पहुंच जाएगा।
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत का चावल निर्यात 19.73 फीसदी बढ़कर 12.47 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। जबकि मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात 12.57 फीसदी बढ़कर 5.09 अरब डॉलर हो गया। देश से फल-सब्जियों के निर्यात में 5.67 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 3.86 अरब डॉलर तक पहुंच गया है जबकि अनाज उत्पाद और अन्य प्रोसेस्ड वस्तुओं का निर्यात 8.71 फीसदी की वृद्धि के साथ 3.86 अरब डॉलर रहा है। चावल निर्यात पर पाबंदियों के हटने से चावल निर्यात में इजाफा हुआ है, जिसमें आधी से ज्यादा हिस्सेदारी बासमती चावल की है।
वित्त वर्ष 2024-25 में समुद्री उत्पादों के निर्यात में कोई विशेष वृद्धि नहीं हुई है और 0.45 फीसदी बढ़कर 7.40 अरब डॉलर रहा है। इसके अलावा, जैविक खाद्य उत्पादों के निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। वर्ष 2024-25 में ऑर्गेनिक खाद्य उत्पादों का निर्यात 34.6% बढ़कर 66.59 करोड़ डॉलर हो गया, जो पिछले वर्ष 49.48 करोड़ डॉलर था। मात्रात्मक रूप से ऑर्गेनिक खाद्य उत्पादों का निर्यात 41 फीसदी बढ़कर 3.7 लाख टन हो गया है। विशेष रूप से, ऑर्गेनिक दालों का निर्यात 52.5 लाख डॉलर से बढ़कर 178.9 लाख डॉलर तक पहुंच गया।
एपीडा एक अधिकारी ने रूरल वॉयस को बताया कि यह वृद्धि विकसित देशों में भारत के ऑर्गेनिक उत्पादों की बढ़ती मांग को दर्शाती है। जैविक खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार और एपीडा की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। देश के चावल निर्यात में बढ़ोतरी के पीछे विश्व बाजार में बासमती चावल की मजबूत मांग बड़ी वजह है। माना जा रहा है कि अमेरिका के रैसिप्रोकल टैरिफ का असर बासमती जैसे खास इलाके में पैदा होने वाले जीआई उत्पादों पर अधिक नहीं पड़ेगा।
चाय, काफी और तंबाकू निर्यात बढ़ा
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कृषि उपज के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिनमें चाय, कॉफी और तंबाकू निर्यात भी शामिल हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत से 92.38 करोड़ डॉलर का चाय निर्यात हुआ जो पिछले साल के मुकाबले 11.84 फीसदी अधिक है। कॉफी का निर्यात 40.37 फीसदी बढ़कर 1.80 अरब डॉलर हो गया जबकि तंबाकू के निर्यात में 36.53 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और यह 1.97 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
ऑयल मील और काजू निर्यात में गिरावट
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत से तिलहन का निर्यात 6.45 फीसदी और ऑयल मील का निर्यात 21.56 फीसदी घटकर 1.34 अरब डॉलर रहा है।
मार्च महीने में भारत के काजू निर्यात को बड़ा झटका लगा है और यह 12.58 फीसदी घटकर 253.1 लाख रह गया। पूरे वित्त वर्ष के दौरान काजू निर्यात में 0.30 फीसदी की गिरावट आई और यह 33.8 करोड़ टन रहा है। विश्व में प्रमुख काजू निर्यातक वियतनाम पर अमेरिका द्वारा 46 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद भारत से काजू निर्यात बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन वियतनाम और यूरोपीय संघ के बीच हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से वियतनाम के काजू निर्यात को फायदा पहुंचा है।
मार्च में मसालों का निर्यात गिरा
मार्च के महीने में भारत से मसालों के निर्यात में 9.46 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है हालांकि, पूरे वित्त वर्ष के दौरान देश से मसालों का निर्यात 4.78 फीसदी बढ़कर 4.45 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।