फिर गिरे प्याज के दाम, किसान नेता राजू शेट्टी ने केंद्र से की निर्यात शुल्क हटाने की मांग

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में राजू शेट्टी ने बंपर उत्पादन को देखते हुए प्याज पर निर्यात शुल्क घटाने की मांग की है।

फिर गिरे प्याज के दाम, किसान नेता राजू शेट्टी ने केंद्र से की निर्यात शुल्क हटाने की मांग

इस बार देश में प्याज की अच्छी फसल हुई है, लेकिन महाराष्ट्र में किसानों को प्याज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है। नए सीजन की फसल बाजार में आने के साथ ही प्याज के दाम 10-12 रुपये किलो तक गिर गये हैं। ऐसे में प्याज पर निर्यात शुल्क घटाने की मांग उठ रही है। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष और महाराष्ट्र से पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने केंद्र सरकार से प्याज पर निर्यात शुल्क समाप्त करने की मांग की है। फिलहाल प्याज पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क लागू है। आज महाराष्ट्र विधानसभा में भी प्याज किसानों का मुद्दा उठा। महाराष्ट्र की प्याज मंडियों में किसानों का आक्रोश देखा जा रहा है। सोमवार को नासिक जिले की लासलगांव मंडी में गुस्साए किसानों प्याज की खरीद बंद करा दी।   

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में राजू शेट्टी ने कहा कि इस साल प्याज की बुवाई का क्षेत्र करीब 30 फीसदी बढ़ा है और उत्पादन लगभग 20 फीसदी बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। अगले 15 दिनों में नए सीजन का प्याज बाजार में आने के साथ ही प्याज की कीमतों में गिरावट आ सकती है। ऐसे में प्याज उत्पादक किसानों के हितों को देखते हुए सरकार को प्याज पर निर्यात शुल्क समाप्त करना चाहिए। इससे प्याज की कीमतों में गिरावट को रोकने तथा किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने में मदद मिलेगी। राजू शेट्टी ने रूरल वॉयस को बताया कि इस साल प्याज की बेहतर फसल है। ऐसे में निर्यात पर शुल्क का कोई औचित्य नहीं है। इसके जारी रहने से प्याज किसानों को कीमतों में गिरावट के रूप में भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।

शेट्टी ने प्याज किसानों की दिक्कतों की तरफ केंद्र सरकार का ध्यान दिलाते हुए कहा कि अगर अधिक उत्पादन के कारण प्याज की कीमतों में गिरावट जारी रहती है तो किसान अगले सीजन में प्याज की बजाय अन्य फसलों की बुवाई करने पर मजबूर हो जाएंगे। फिलहाल सोयाबीन में इसी तरह की हालत हैं क्योंकि किसानों को अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बेचने पर मजबूर होना पड़ा। अगर ऐसे ही चलता रहा तो अगले सीजन में सोयाबीन के किसान भी अन्य फसलों का रुख कर सकते हैंइसलिए सरकार को तुरंत प्याज पर निर्यात शुल्क कम करना चाहिए और किसानों के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए।  

प्याज निर्यात पर पाबंदियां

पिछले साल सितंबर में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने प्याज पर 550 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) हटा दिया था और निर्यात शुल्क को 40 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दिया था। केंद्र सरकार ने प्याज उत्पादन में गिरावट की आशंका को देखते हुए दिसंबर, 2023 में प्याज निर्यात पर रोक लगाई थी। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले 4 मई को प्याज निर्यात खोल दिया गया। लेकिन साथ ही 550 डॉलर प्रति टन का एमईपी और 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगा दिया था। 

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