नाबार्ड ने जोधपुर में कृषि निर्यात सुविधा केंद्र बनाया
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबर्ड) ने कृषि विकास कोष के तहत जोधपुर में कृषि और खाद्य निर्यात सुविधा केंद्र (एईएफसी) की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इसके माध्यम से राजस्थान से कृषि और खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा। कृषि निर्यात इकोसिस्टम बनाया जाएगा और कृषि उत्पादों के निर्यात को सुगम बनाया जाएगा। जोधपुर स्थित दक्षिण एशिया जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (एसएबीसी) स्थानीय संगठनों, किसान उत्पादक संगठनों, कृषि विपणन बोर्ड, मसाला सेल और कृषि निर्यातकों के सहयोग से एईएफसी का कार्यान्वयन करेगा करेगा।
नाबार्ड के राजस्थान क्षेत्रीय कार्यालय, जयपुर के मुख्य महाप्रबंधक, बैज्जू. एन. कुरूप ने एईएफसी का जोधपुर में उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि एईएफसी को 'वन स्टॉप शॉप' के रूप में स्थापित किया गया है जहां हम कृषि निर्यात संभावनाओं पर चर्चा कर सकते हैं, ज्ञान का आधार बना सकते हैं, निर्यात प्रोटोकॉल लागू कर सकते हैं, निर्यात प्रोत्साहन निकायों के साथ विभिन्न संबंध स्थापित कर सकते हैं और किसान उत्पादक संगठनों को सशक्त बना सकते हैं। ऑपरेटरों और निर्यातकों की राजस्थान से कृषि निर्यात से संबंधित जटिलताओं को दूर किया जा सके।
एसएबीसी के फाउंडर डायरेक्टर डॉ. भागीरथ चौधरी ने कहा कि कृषि निर्यात के क्षेत्र में की गई इस पहल से राजस्थान से मसालों, मोटे अनाज, ग्वारगम, तिलहन, सुगंधित और औषधीय पौधों के निर्यात के अच्छे अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि एईएफसी सक्षम कृषि उद्यमियों, किसान उत्पादक संगठनों और कृषि निर्यातकों को एक साथ लाएगा और मसाला बोर्ड, एपीडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण), कृषि विपणन बोर्ड और मसाला सेल के सहयोग से व्यापार के अवसर प्रदान करेगा ताकि वह कृषि निर्यात नीति, 2018 और राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात संवर्धन नीति, 2019 के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इस अवसर पर नाबार्ड के राजस्थान क्षेत्रीय कार्यालय, जयपुर के महाप्रबंधक बी.के. त्रिपाठी, मनीष मंडा, जिला विकास अधिकारी, जोधपुर, भारतीय मसाला बोर्ड के उपनिदेशक डॉ. एम. वाई. हुनूर और दक्षिण एशिया जैव प्रोद्यौगिकी केंद्र, जोधपुर के डॉ. डी. कुमार डॉ. नेहा बुलचंदानी भी उपस्थित थे।