गेहूं खरीद पर 150 रुपये बोनस देने की मध्यप्रदेश सरकार की तैयारी, पंजीकरण शुरू

मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए 20 जनवरी से किसानों के पंजीकरण शुरू हो गए हैं। किसान गेहूं बेचने के लिए 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।

गेहूं खरीद पर 150 रुपये बोनस देने की मध्यप्रदेश सरकार की तैयारी, पंजीकरण शुरू

मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अलावा 150 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने योजना बना रही है। राज्य सरकार से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। मध्य प्रदेश में गेहूं की कीमत 2800 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रही है। कीमतों में तेजी को देखते हुए एमएसपी पर गेहूं की खरीद के 100 लाख टन के लक्ष्य को हासिल करने में मुश्किल हो सकती है ऐसे में सरकार का यह कदम किसानों को सरकारी खरीद में अधिक गेहूं बेचने के लिए आकर्षित करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि अभी बोनस देने की के लिए औपचारिक अधिसूचना नहीं आई है लेकिन स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा यह फैसला लेने की काफी संभावना है।

चालू रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं का एमएसपी 150 रुपये बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। लेकिन अगर राज्य सरकार बोनस देती है तो मध्यप्रदेश में किसानों को गेहूं का रेट बोनस सहित 2575 रुपये प्रति क्विंटल मिल सकता है। हालांकि राज्य सरकार ने घोषणा के बावजूद धान की सरकारी खरीद पर बोनस नहीं दिया था। 

मध्य प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के लिए 20 जनवरी से किसानों के पंजीकरण शुरू हो गए हैं। किसान गेहूं बेचने के लिए 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। किसानों को किसान ऐप के जरिए भी घर बैठे पंजीयन कराए जाने की सुविधा दी गई है।

2700 रुपये का था वादा

मध्यप्रदेश कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष केदार सिरोही का कहना है कि चुनाव में भाजपा ने गेहूं की खरीद 2700 रुपये के रेट पर करने का वादा किया था। भाजपा सरकार को अपना वादा निभाना चाहिए। 1 

खरीद की तैयारी

मध्य प्रदेश सरकार नए सीजन में गेहूं खरीद की तैयारियों में जुटी है। हालांकि, इस साल सरकार ने गेहूं खरीदी का लक्ष्य घटा दिया है। पिछले साल राज्य में 100 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन इसके मुकाबले सिर्फ 48 लाख टन गेहूं मध्यप्रदेश से खरीदा जा सका था। इसे देखते हुए इस बार राज्य सरकार ने 100 लाख टन गेहूं खरीद की तैयारी की है। इसके लिए 4 हजार उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं।

खुले बाजार में गेहूं के दाम अधिक होने के कारण पिछले साल मध्यप्रदेश से गेहूं की कम खरीद हुई थी। यही स्थिति कमोबेश इस साल भी रह सकती है। रिकॉर्ड उत्पादन के अनुमानों के बावजूद खुले बाजार में गेहूं के दाम 2800 रुपये के आसपास चल रहे हैं। 

पंजीकरण की व्यवस्था
गेहूं की सरकारी खरीद के लिए पंजीकरण की पुख्ता व्यवस्था की गई है। किसान ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्रों के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं।

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