हरियाणा में गौशालाओं के लिए सीएम सैनी की कई घोषणाएं, प्रदेश में चलेगा ' बेसहारा गौवंश मुक्त अभियान'
बेसहारा गौवंश को सड़कों पर न भटकना पड़े इसके लिए हरियाणा सरकार बेसहारा गौवंश मुक्त अभियान चलाएगी।
हरियाणा के पंचकूला में आयोजित गौसेवा सम्मेलन में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश में गौवंश और गौशालाओं के लिए कई घोषणाएं की। अब प्रदेश में नई गौशाला के लिए जमीन खरीदने पर कोई स्टाम्प डयूटी नहीं लगेगी। साथ ही बेसहारा गोवंश को पकड़कर गौशाला में लाने के लिए 600 रुपये प्रति गाय और 800 रूपये प्रति नंदी की दर से तुरंत नकद भुगतान किया जाएगा।
बेसहारा गौवंश को सड़कों पर न भटकना पड़े इसके लिए हरियाणा सरकार बेसहारा गौवंश मुक्त अभियान चलाएगी। अभियान का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ऐलान किया कि पकड़े गए बेसहारा पशुओं में से बछड़ा/बछड़ी के लिए 20 रुपये, गाय के लिए 30 रुपये तथा नन्दी के लिए 40 रुपये प्रतिदिन चारे के लिए अनुदान दिया जाएगा।
चारे का अनुदान 4 रुपए से बढ़ाकर 20 रुपये
अभी तक गौशालाओं को प्रति गाय 4 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से चारे के लिए अनुदान दिया जाता है। इसे मुख्यमंत्री ने एक अगस्त से बढ़ाकर गाय के लिए 20 रुपये प्रतिदिन, नन्दी के लिए 25 रुपये प्रतिदिन तथा बछड़ा/बछड़ी के लिए 10 रुपये प्रतिदिन करने का ऐलान किया है।
बेसहारा गौवंश के लिए बनेगी समिति
हर शहर में पशुचिकित्सक, नगर निकाय प्रशासक तथा गौशाला के प्रतिनिधियों की एक समिति गौशालाओं में गौवंश संख्या की तस्दीक करेंगी। शहर में जब भी बेसहारा गौवंश सड़कों पर दिखेगा, गौशालाओं को उन्हें पकड़ने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा तथा एक आरएफआईडी टैग द्वारा इन बेसहारा गौवंश की निगरानी भी की जाएगी।
देसी गाय रखने पर 30 हजार रुपये का अनुदान
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जो किसान देसी गाय रखेगा, उसे हरियाणा सरकार प्रति गाय 30 हजार रूपये वार्षिक अनुदान देगी। सीएम सैनी ने कहा कि गौशालाओं को एक हजार गाय तक के लिए एक तथा इससे अधिक गाय के लिए दो ई-रिक्शा खरीद के लिए 1.25 लाख रुपये प्रति ई-रिक्शा अनुदान दिया जाएगा। अभी तक गौशालाओं से केवल एक मीटर पर दो रुपए यूनिट की दर से बिजली बिल लिया जाता था। लेकिन अब गौशालाएं से एक से अधिक कनेक्शन पर भी दो रुपए प्रति यूनिट की दर से ही बिजली बिल शुल्क लिया जाएगा।
ग्राम पंचायत गौशाला के लिए पट्टे पर दे सकेंगी जमीन
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा करते हुए कहा कि अब कोई भी पंचायत अपनी भूमि गौशाला की स्थापना के लिए 20 साल के पट्टे पर किसी संस्था को दे सकती है। अब तक दो गौशालाओं को पंचायती भूमि पट्टे पर देने का काम किया है, जिसमें जिला नूहूं की ग्राम पंचायत हसनपुर और रांगला शामिल हैं। इसके लिए कैबिनेट की बजाय मुख्यमंत्री कार्यालय से ही मंजूरी मिल जाएगी।
गौशालाओं को कई रियायतें
हरियाणा में पंजीकृत 675 गौशालाओं में से 331 गौशालाओं में सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किये जा चुके हैं। सौर ऊर्जा प्लांट के लिए गौसेवा आयोग की तरफ से 5 प्रतिशत और हरेडा की तरफ से 85 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। नई गौशाला के लिए ना तो सीएलयू लेने की आवश्यकता होगी और ना ही कोई ईडीसी या और किसी किस्म की फीस देनी होगी। गौशाला में एक ट्यूबवैल लगाने के लिए कोई अनुमति आवश्यक नहीं होगी। साथ ही गौशालाओं की प्रापर्टी पर प्रॉपर्टी टैक्स भी नहीं लगेगा।
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री कंवर पाल ने कहा कि प्रदेश सरकार गौसेवा आयोग के बजट को 40 करोड़ रूपये से बढ़ाकर करीब 510 करोड़ रुपए किया है। आवश्यकता पड़ने पर इसे और बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गौशालाओं की दिक्कतों को दूर करने के लिए राज्य सरकार कई कदम उठा रही है।
स्थानीय शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने सभी को गौभक्तों से आह्वान किया कि वो सुनिश्चित करें कि कोई भी गौवंश सड़कों पर ना रहे। उन्होंने हिसार की माॅडल गौशाला का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदेश की सभी गौशालाओं में सभी आवश्यक सुविधाएं दी जानी चाहिए।
हरियाणा गौसेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण गर्ग ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 675 पंजीकृत गौशालाएं हैं, जिसमें 4.50 लाख गौवंश है। उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने प्रदेश की गौशलाओं की विभिन्नों मांगों को रखा। सम्मेलन को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर हरियाणा गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष पूर्ण यादव, पशुधन विकास बोर्ड अध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. राजा सेखर वंदरु, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के महानिदेशक डॉ. एल.सी. रंगा, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के सचिव विकास गुप्ता समेत अन्य गणमान्य मौजूद रहे।