पंजाब में पशुओं के मुंहपका रोग के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान शुरू
पशुओं को मुंहपका रोग से बचाने के लिए पंजाब सरकार ने 21 अक्टूबर से बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया है। इस अभियान को सफलतापूर्वक चलाने के लिए 816 टीमें बनाई गई हैं, जो राज्य के विभिन्न हिस्सों में जाकर पशुओं को टीके लगाएंगी
पंजाब सरकार ने राज्यभर में पशुओं को मुंहपका/खुरपका रोग (एफ.एम.डी.) से बचाने के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इस अभियान का उद्देश्य राज्य के सभी पशुओं को इस खतरनाक बीमारी से सुरक्षित रखना है। पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि 21 अक्टूबर से पशुओं को मुंहपका रोग के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो रही है। इस अभियान को सफलतापूर्वक चलाने के लिए 816 टीमें बनाई गई हैं, जो राज्य के विभिन्न हिस्सों में जाकर पशुओं को टीके लगाएंगी।
खुड्डियां ने कहा कि टीकाकरण के लिए कुल 65,47,800 खुराकें उपलब्ध कराई गई हैं। विभाग के अधिकारियों को नवंबर के अंत तक यह टीकाकरण अभियान पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मुंहपका रोग टीकाकरण अभियान के तहत राज्य के सभी पशुओं का मुफ्त टीकाकरण किया जाएगा, जिससे राज्य के सभी पशुपालक इसका लाभ उठा सकेंगे। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि टीकों को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड चेन के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित किया जाए।
मुंहपका रोग क्या है?
मुंहपका रोग (फुट एंड माउथ डिजीज- एफएमडी) एक अत्यधिक संक्रामक विषाणुजनित बीमारी है, जो मुख्य रूप से गाय, भैंस, बकरी और अन्य पालतू पशुओं को होती है। यह रोग पशुओं के मुंह और खुरों पर घावों का कारण बनता है, जिससे उन्हें चलने-फिरने और खाने में कठिनाई होती है। इस रोग के कारण पशुओं की उत्पादन क्षमता, जैसे दूध उत्पादन और शारीरिक विकास, पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है।
मुंहपका रोग के लक्षण
- प्रभावित पशु को तेज बुखार हो सकता है, जो कुछ दिनों तक रहता है।
- पशु के मुंह, जीभ और मसूड़ों पर छोटे-छोटे छाले या घाव बन जाते हैं, जिससे उसे खाना खाने में परेशानी होती है।
- खुरों पर भी घाव या सूजन हो सकती है, जिसके कारण पशु लंगड़ा कर चलने लगता है।
- पशु के मुंह से अत्यधिक लार गिरने लगती है।
- दूध देने वाले पशुओं में दूध उत्पादन में अचानक गिरावट आ जाती है।
- लंबे समय तक रोग के प्रभाव में रहने से पशु कमजोर हो सकता है और उसका वजन कम हो सकता है।
मुंहपका रोग से बचने का सबसे प्रभावी तरीका नियमित टीकाकरण है। यह वायरस बहुत तेजी से फैलता है, इसलिए पशुओं का टीकाकरण करना जरूरी होता है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस मुफ्त टीकाकरण अभियान का उद्देश्य यही है कि राज्य के सभी पशु सुरक्षित रहें और किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।