मध्य प्रदेश सरकार ने मूंग की प्रति हेक्टयर खरीद दर घटाई, दाम एमएसपी से कम
मध्य प्रदेश सरकार ने मूंग खरीद की मात्रा प्रति हेक्टेयर 8 कुंतल तक सीमित कर दी है जबकि कई जिलों में मूंग की पैदावार 15 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक है। ऐसे में किसानों की पूरी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर नहीं बिक पाएगी और उन्हें खुले बाजार में उपज बेचनी पड़ेगी जहां मूंग का दाम एमएसपी से नीचे चल रहा है
मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग को लेकर किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पहले तो राज्य सरकार ने काफी इंतजार के बाद 24 जून से मूंग की खरीद शुरू की जो 31 जुलाई तक चलेगी। फिर मूंग खरीद की मात्रा प्रति हेक्टेयर 8 कुंतल तक सीमित कर दी है जबकि कई जिलों में मूंग की पैदावार 15 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक है। ऐसे में किसानों की पूरी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर नहीं बिक पाएगी और उन्हें खुले बाजार में उपज बेचनी पड़ेगी जहां मूंग का दाम एमएसपी से नीचे चल रहा है।
मूंग का एमएसपी 8558 रुपये प्रति कुंतल है, जबकि मंडियों में मूंग का भाव 6 से 8 हजार प्रति कुंतल के बीच मिल रहा है। वहीं, केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मूंग का औसत खुदरा मूल्य (बाजार भाव) 118 रुपये प्रति किलो के आसपास है। जहां किसनों को मूंग का भाव 60-80 रुपये प्रति किलो मिल रहा है वहीं बाजार में आम उपभोक्ताओं को मूंग 120-150 रुपये प्रति किलो के रेट पर खरीदनी पड़ रही है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किसानों से मूंग की पूरी फसल नहीं खरीदने का मुद्दा उठाते केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा कि उनके कृषि मंत्री रहते हुए किसानों की पूरी फसल क्यों नहीं खरीदी जा रही है। साथ ही उन्होंने मूंग की फसल आने से पहले विदेशों से आयात पर भी सवाल उठाया। इस साल मध्यप्रदेश सरकार ने मूंग की खरीद को अधिकतम 8 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक सीमित कर दिया है। जबकि राज्य में मुंग की उत्पादकता औसतन 10 से 12 कुंटल प्रति हेक्टेयर है। वहीं, कुछ जिलों में उत्पादन 15 कुंटल प्रति हेक्टेयर से ज्यादा है। देश में मूंग की पैदावार का राष्ट्रीय औसत 9.85 कुंतल प्रति हेक्टेयर है।
माननीय कृषि मंत्री जी @ChouhanShivraj (आप अभी तक Modi Pariwar में हैं जबकि बाक़ी सब Modi Pariwar से निकल चुके हैं) आपके चुनाव क्षेत्र में व नर्मदा घाटी में बड़े पैमाने पर मूँग की फसल होती है। आपके कृषि मंत्री रहते हुए किसानों की पूरी फसल क्यों नहीं ख़रीदी जा रही है? यह भी पता…
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) June 26, 2024
इस हिसाब से देखें तो किसानों से उपज की पूरी खरीदी नहीं होगी। उन्हें अपनी उपज मंडियों में बेचनी पड़ेगी। जबकि, मंडियों में दाम एमएसपी से नीचे चल रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस साल मूंग का उत्पादन बढ़ा है, ऐसे में सरकार को खरीद भी बढ़ानी चाहिए थी। लेकिन, सरकार ने प्रति हेक्टयर खरीद घटा दी है। जिससे किसानों को अपनी उपज एमएसपी से कम दाम पर मंडियों में बेचनी पड़ेगी।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष केदार शंकर सिरोही ने रूरल वॉयस को बताया कि मूंग का एमएसपी 8558 रुपये प्रति कुंतल है, जबकि मंडियों में मूंग का भाव 6 से 8 हजार प्रति कुंतल के बीच मिल रहा है। मूंग का उत्पादन बढ़ने के साथ सरकार को खरीद बढ़ानी चाहिए थी लेकिन सरकार ने खरीद को सीमित कर दिया है। सिरोही का कहना है कि एक तरफ सरकार विदेशोंं से दालों का आयात करवा रही है, वहीं दूसरी तरफ देश मे उत्पादित दलहन की खरीदें में आनाकानी की जा रही है। आगामी खरीफ सीजन के लिए केंद्र सरकार ने मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य मात्र 1.45 फीसदी बढ़ाकर 8682 रुपयं प्रति कुंतल तय किया है। जबकि इनपुट लागत 6.1 फीसदी बढ़ गई है।
मध्य प्रदेश में गत वर्षों में ग्रीष्मकालीन मूंग के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। इसके पीछे दालों का एमएसपी बढ़ाना और किसानों को अच्छा दाम मिलना वजह रहा है। लेकिन इस साल किसानों को मूंग का सही दाम नहीं मिल पा रहा है और सरकारी खरीद में दिक्कतें आ रही हैं।