प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में सोलर कृषि पम्प को शामिल करने की मंजूरी
परियोजना लागत का श्रेणीवार 5 या 10 प्रतिशत कृषक द्वारा मार्जिन मनी के रूप में दिया जाएगा। शेष राशि के लिए कृषक द्वारा ऋण लिया जाएगा, जिस ऋण के भुगतान का संपूर्ण दायित्व राज्य शासन का होगा।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को महेश्वर में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक कई अहम फैसले लिए गये। प्रदेश में किसानों को कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान करने के लिए "प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना" में वर्तमान में प्रचलित "मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना" के अंतर्गत सोलर कृषि पम्प को भी शामिल करने का निर्णय लिया है। मंत्रि-परिषद के निर्णय अनुसार, "प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना" की अनुदान व्यवस्था को संशोधित किया गया है।
योजना के तहत किसानों और कृषक समूहों को सोलर पंप खरीदने के लिए 90 फीसदी तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। किसानों द्वारा लागत का श्रेणीवार 5 या 10 प्रतिशत योगदान मार्जिन मनी के रूप में दिया जाएगा। शेष राशि के लिए किसानों द्वारा ऋण लिया जाएगा, जिस ऋण के भुगतान का संपूर्ण दायित्व राज्य शासन का होगा।
मध्यप्रदेश शासन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, उक्त ऋण का भुगतान सोलर कृषि पम्प लगने की वजह से कृषि उपभोक्ताओं के लिए "अटल कृषि ज्योति योजना" एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत वितरण कंपनियों को देय सब्सिडी में हुई बचत से किया जा सकेगा। योजना के प्रथम चरण में अस्थायी बिजली कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं अथवा अविद्युतिकृत कृषकों को सोलर पम्प का लाभ दिया जाएगा। योजना के आगामी चरणों में स्थायी विद्युत पम्प उपयोग कर रहे कृषकों को भी सोलर पम्प दिया जाना प्रस्तावित है।
योजना का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा केन्द्र सरकार की "कुसुम योजना" के घटक 'ब' अंतर्गत किया जाएगा। सोलर पम्प की स्थापना से विद्युत पम्पों को बिजली आपूर्ति के लिए राज्य सरकार पर पड़ने वाले भार को कम किया जा सकेगा और विद्युत वितरण कम्पनियों के घाटे को कम करने में मदद मिलेगी।
123 गांवों तक पहुंचेगा नर्मदा जल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महेश्वर-जानापाव उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना का नाम बदलकर लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर के नाम पर रखने की घोषणा की है। देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती के उपलक्ष में महेश्वर में आयोजित डेस्टिनेशन केबिनेट और मण्डलेश्वर से महेश्वर-जानापाव माइक्रो सिंचाई परियोजना सहित 1042.24 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि 982 करोड़ 59 लाख रुपये की महेश्वर-जानापाव उद्वहन सिंचाई परियोजना के पूर्ण होने पर खरगौन जिले की महेश्वर, धार जिले की पीथमपुर एवं इंदौर जिले की महू तहसील के कुल 123 गांवों के किसानों के खेत में सिंचाई के लिए नर्मदा का जल पहुँचेगा। इससे इन गांवों के किसानों का कृषि उत्पादन बढ़ेगा और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।