कपास पर फिर पिंक बॉलवर्म का प्रकोप, पंजाब में निगरानी के लिए 128 टीमें गठित

पंजाब में कपास किसान के लिए पिंक बॉलवर्म और व्हाइटफ्लाई आफत बन गई है। कपास की फसल की निगरानी और कीटों की रोकथाम के लिए पंजाब सरकार ने 128 निगरानी दल गठित किए हैं

कपास पर फिर पिंक बॉलवर्म का प्रकोप, पंजाब में निगरानी के लिए 128 टीमें गठित

पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कपास उत्पादक क्षेत्रों में इस बार फिर पिंक बॉलवर्म का प्रकोप किसानों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। पंजाब में कपास की फसल पर पिंक बॉलवर्म (गुलाबी सुंडी) और सफेद मक्खी (व्हाइटफ्लाई) का प्रकोप दिखने लगा है। कीटों ने कपास की फसल पर हमला तेज कर दिया है जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। पंजाब सरकार ने कपास की फसलों की नियमित निगरानी और कीटों की रोकथाम के लिए संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारियों के सुपरविजन में 128 कीट निगरानी दल गठित किए हैं। ये टीमें प्रभावित क्षेत्रों में कपास की फसल का निरीक्षण करेंगे तथा कीट नियंत्रण के उपाय अपनाने में किसानों की मदद करेंगी। 

पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि कृषि विभाग ने कपास की फसलों पर कीटों के हमले की रोकथाम के लिए टीमें गठित की हैं। ये टीमें मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, फरीदकोट, मोगा, बठिंडा, मानसा, बरनाला और संगरूर सहित कपास उत्पादक क्षेत्रों में खेतों का दौरा करेंगी। कृषि विभाग की टीमों ने सोमवार को फाजिल्का जिले के 73 गांवों में कपास के खेतों का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान तीन स्थानों पर गुलाबी सुंडी और आठ स्थानों पर सफेद मक्खी का प्रकोप दिखा। अधिकारियों को प्रभावित फसल पर कीटनाशकों का छिड़काव करवाने को कहा गया है। 

कृषि मंत्री ने कहा कि कीटों के हमले और उनकी रोकथाम के लिए किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। कृषि विभाग की ओर से गठित टीमों को कपास के खेतों का दौरा कर किसानों को कीट नियंत्रण के उपाय अपनाने में मदद करने को कहा गया है। जमीनी स्तर तक संदेश फैलाने के लिए कृषि विभाग ने प्रमुख कपास उत्पादक जिलों के 989 गांवों में किसान जागरूकता शिविर लगाए हैं। उन्होंने किसानों से विशेषज्ञों की सलाह का पालन करने और बताए गये कीटनाशकों का उपयोग करने का आग्रह किया है।

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