झारखंड के 158 ब्लॉक सूखाग्रस्त, किसानों को 3500 रुपये की मदद का ऐलान
झारखंड में सूखे की मार झेल रहे 17 जिलों के 158 ब्लॉकों को सूखा प्रभावित घोषित करने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपदा प्रबंधन विभाग को सभी 158 ब्लॉकों को सूखाग्रस्त घोषित करने का प्रस्ताव जल्द से जल्द तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि इसे मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जा सके।
झारखंड में सूखे की मार झेल रहे 17 जिलों के 158 ब्लॉकों को सूखा प्रभावित घोषित करने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपदा प्रबंधन विभाग को सभी 158 ब्लॉकों को सूखाग्रस्त घोषित करने का प्रस्ताव जल्द से जल्द तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि इसे मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जा सके। मुख्यमंत्री ने पिछले साल की तरह इस वर्ष भी सूखा प्रभावित किसानों को तत्काल राहत के तौर पर 3,500 रुपये अनुग्रहित राशि देने का निर्देश दिया। जिन किसानों की फसल कम बारिश की वजह से 33 प्रतिशत तक क्षतिग्रस्त हुई है, उन्हें इनपुट अनुदान राशि का भुगतान किया जाएगा।
झारखंड सीएमओ ने पोस्ट किया, "17 जिलों के 158 प्रखंड को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की अनुशंसा। आपदा प्रबंधन विभाग को प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिपरिषद की बैठक में भेजने के लिए मुख्यमंत्री का निर्देश। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सूखा प्रभावित किसानों को 3500 रुपये अनुग्रहित राशि देने का निर्देश दिया।"
मानसून 2023 में कम बारिश के बाद कृषि विभाग द्वारा जमीनी स्थिति के आकलन के बाद राज्य सरकार ने 158 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से वित्तीय सहायता के लिए केंद्र को एक प्रस्ताव भेजने को भी कहा। मानसून सीजन के दौरान झारखंड में सामान्य से 26 फीसदी कम बारिश हुई थी।
झारखंड लगातार दूसरे साल सूखे की मार झेल रहा है। इससे राज्य में धान के उत्पादन पर असर पड़ा और किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार ने 2022 में भी राज्य के 260 ब्लॉकों में से 226 को सूखा प्रभावित घोषित किया था और प्रत्येक प्रभावित किसान परिवार को 3,500 रुपये की नकद राहत प्रदान करने का निर्णय लिया था। झारखंड में करीब 33 लाख किसानों को सूखे की वजह से फसल का नुकसान उठाना पड़ा है।
सूखा प्रभावित जिले
चतरा, देवघर, धनबाद, दुमका, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हजारीबाग, जामताड़ा, खूंटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, पलामू और रांची