हरियाणा में पराली जलाने के आरोप में 14 किसानों की गिरफ्तारी, 368 किसानों की रेड एंट्री

हरियाणा सरकार ने खेतों में पराली जलाने वाले किसानों पर एफआईआर दर्ज करने और दो साल तक फसल मंडियों में नहीं बेचने देने का आदेश जारी किया था। अब पराली जलाने के आरोप में किसानों की गिरफ्तारी भी शुरू हो गई है।

हरियाणा में पराली जलाने के आरोप में 14 किसानों की गिरफ्तारी, 368 किसानों की रेड एंट्री

हरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों पर सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। पराली जलाने के आरोप में पिछले दो दिनों में 14 किसानों को गिरफ्तार किया गया। ये सभी किसान कैथल जिले के हैं। हाल ही में हरियाणा सरकार ने खेतों में पराली जलाने वाले किसानों पर एफआईआर दर्ज करने और दो साल तक उनकी फसल मंडियों में नहीं बिकने देने का आदेश जारी किया था। अब पराली जलाने के आरोप में किसानों की गिरफ्तारी भी शुरू हो गई है। 

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ ही पराली की आग का मुद्दा गरमाने लगा है। अक्सर इसके लिए हरियाणा, पंजाब में पराली की आग को जिम्मेदार ठहराया जाता है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 23 अक्टूबर को हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिव को जवाब देना है। इससे पहले ही हरियाणा में प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए दो दिन में 57 किसानों पर केस दर्ज कर 14 किसानों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। लेकिन खेतों की आग के मामले में सख्त कार्रवाई को लेकर किसानों में नाराजगी है। 

पराली जलाने के आरोप में हरियाणा में अब तक 368 किसानों की रेड एंट्री हो चुकी है। अकेले कैथल जिले में 43 किसानों की रेड एंट्री की गई है। ये किसान अगले दो सीजन मंडियों में अपनी उपज नहीं बेच पाएंगे। इसके अलावा 317 किसानों के चालान काटकर 8.15 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है।

रविवार को हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएस एन प्रसाद ने सभी जिलों के उपायुक्त व अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी या कर्मचारी खेतों में आग की घटनाओं को रोकने में लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इस सिलसिले में कृषि विभाग के कई कर्मचारियों को नोटिस जारी किए गये हैं।

हरियाणा में 15 सितंबर से 20 अक्टूबर तक पराली जलाने के 653 मामले सामने आए हैं जबकि इसी अवधि में पिछले साल 621 मामले आए थे। पराली जलाने के मामले में किसानों पर सबसे ज्यादा 18 केस कैथल में दर्ज किए गये। जबकि करनाल में 12, सोनीपत में 10 और जींद व पानीपत में सात-सात एफआईआर दर्ज की गई हैं। पराली जलाने के सबसे ज्यादा 130 मामले कैथल से सामने आए हैं। उसके बाद कुरुक्षेत्र (90), अंबाला (73) और करनाल (68) का नंबर हैं।  

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पराली जलाने के मामले में किसानों की गिरफ्तारी और उनकी फसल मंडियों में न बिकने देने के आदेश को “किसान विरोधी” बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने पराली का एमएसपी तय करने और किसानों से इसे खरीदने की मांग भी उठाई। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा सरकार को किसानों पर कड़े फैसले लेने के बजाय समस्या का समाधान ढूंढना चाहिए। कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी किसानों पर कार्रवाई को लेकर भाजपा सरकार के रवैए की कड़ी आलोचना की है। 

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