रूस के गेहूं की कीमत तीन महीने के उच्चतम स्तर पर, सूखा और आपूर्ति में कटौती का असर
हाल ही रूस के ओरयोल क्षेत्र में सूखे की गंभीर स्थिति के कारण आपातकाल की घोषणा की गई है। इससे पहले मई की शुरुआत से कई क्षेत्रों में ठंढ और सूखा पड़ा था, जिससे 2024-25 के उत्पादन में कटौती हुई और इस सीजन के निर्यात की संभावनाओं पर भी असर पड़ा। रूस को 2024-25 में 821 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पैदावार होने की उम्मीद है। उसका 470 लाख टन निर्यात करने का लक्ष्य है।
रूस के गेहूं की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। वहां सूखे से स्थिति बिगड़ रही है और उत्पादन का अनुमान कम हुआ है। पिछले दो हफ्तों में ही गेहूं की कीमत में 4.3% तक की बढ़ोतरी हुई है, और यह अब 26 जून 2024 के बाद से उच्चतम स्तर पर है। एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर के अंत से नवंबर की शुरुआत की आपूर्ति के लिए रूस के 12.5% प्रोटीन वाले गेहूं की कीमत 228.50 डॉलर प्रति मीट्रिक टन रही।
हाल ही रूस के ओरयोल क्षेत्र में सूखे की गंभीर स्थिति के कारण आपातकाल की घोषणा की गई है। इससे पहले मई की शुरुआत से कई क्षेत्रों में ठंढ और सूखा पड़ा था, जिससे 2024-25 के उत्पादन में कटौती हुई और इस सीजन के निर्यात की संभावनाओं पर भी असर पड़ा। रूस को 2024-25 में 821 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पैदावार होने की उम्मीद है। उसका 470 लाख टन निर्यात करने का लक्ष्य है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार के ट्रेडर्स का कहना है कि सूखे के कारण रूसी किसानों को गेहूं की बिक्री में भी बाधा आ रही है, जिससे उपलब्धता कम हो रही है। इसका प्रभाव 2025-26 की अगली सर्दियों की बुवाई पर भी पड़ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार एक विक्रेता ने कहा कि अगली फसल के लिए मौसम की स्थिति खतरनाक है, अभी तक बारिश नहीं हुई है। इसलिए रूसी निर्यातकों पर शिपमेंट कम करने का भी दबाव है।
मिस्र ने सितंबर में रूस से 14 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा है। मिस्र के खरीदार रूसी गेहूं की कीमतों को भी देख रहे हैं, जिन्हें यूक्रेनी गेहूं की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धी माना जाता है। 2 अक्टूबर को रूस का 12.5% प्रोटीन युक्त उच्च गुणवत्ता वाला गेहूं 236 डॉलर प्रति टन के भाव (सीआईएफ अलेक्जेंड्रिया पोर्ट) था, जबकि यूक्रेन का 11.5% प्रोटीन युक्त गेहूं 245 डॉलर प्रति टन था। यूक्रेन ने इस सीजन में अब तक 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात किया है, जिसमें सितंबर में कुल 21.8 लाख मीट्रिक टन शामिल है। उसके प्रमुख ग्राहक इंडोनेशिया, वियतनाम और नीदरलैंड रहे।
यूक्रेन के गेहूं की कीमतें अधिक होने के कारण खरीदार उसे पसंद नहीं कर रहे हैं। एशिया और मध्य पूर्व, उत्तर अफ्रीका क्षेत्र भी रूस की ओर देख रहे हैं। रूस की तरह यूक्रेन के गेहूं के भी दाम बढ़ रहे हैं। पिछले दो हफ्तों में इसमें 2% की बढ़ोतरी हुई और यह 17 जून, 2024 के बाद से उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
मिस्र की सरकारी एजेंसी जीएएससी (GASC) कम कीमत पर गेहूं खरीदने की कोशिश कर रही है। सऊदी अरब की एजेंसी GFSA दिसंबर 2024-जनवरी 2025 के लिए कम से कम तीन लाख टन गेहूं खरीदना चाहती है। इसके अलावा, मोरक्को भी इस सीजन में फ्रांस के बजाय अधिक रूसी गेहूं खरीद सकता है। फ्रांस में भी इस बार फसल को नुकसान हुआ है और वह गेहूं का कम निर्यात कर रहा है।
तुर्की में मिलर्स सरकार से 15 अक्टूबर के बाद आयात फिर से शुरू करने की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। तुर्की ने जून से मध्य अक्टूबर तक स्थानीय उत्पादकों को बचाने के लिए गेहूं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। दूसरी ओर रोमानिया और बुल्गारिया के गेहूं बाजार रूसी गेहूं से प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश कर रहे हैं।