देश के जलाशयों में क्षमता का 35% पानी, दक्षिणी क्षेत्र की स्थिति विकट, सिर्फ 20% भरे हैं यहां के जलाशय
गर्मियां शुरू होते ही देश के जलाशयों में पानी की कमी दिखने लगी है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार इसके अधीन आने वाले 150 जलाशयों में 61.80 अरब घन मीटर (बीसीएम) पानी है। यह इन जलाशयों की कुल 178.78 बीसीएम क्षमता का सिर्फ 35% है। पिछले साल इस समय इन जलाशयों में 74.47 बीसीएम पानी था। बीते 10 वर्षों का औसत भी 63 बीसीएम से अधिक है।
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गर्मियां शुरू होते ही देश के जलाशयों में पानी की कमी दिखने लगी है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार इसके अधीन आने वाले 150 जलाशयों में 61.80 अरब घन मीटर (बीसीएम) पानी है। यह इन जलाशयों की कुल 178.78 बीसीएम क्षमता का सिर्फ 35% है। पिछले साल इस समय इन जलाशयों में 74.47 बीसीएम पानी था। बीते 10 वर्षों का औसत भी 63 बीसीएम से अधिक है। इस तरह देखा जाए तो पिछले साल की तुलना में इस समय जलाशयों में 83% पानी है और 10 साल के औसत का 98% है। सबसे विकट स्थिति दक्षिण भारत में है जहां के जलाशयों में क्षमता का सिर्फ 20% पानी है।
आयोग की तरफ से 4 अप्रैल को जारी बुलेटिन के अनुसार उत्तरी क्षेत्र में आने वाले हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के 10 जलाशय आयोग की मॉनिटरिंग के दायरे में हैं। इनकी कुल क्षमता 19.66 बीसीएम है। लेकिन इन जलाशयों में इस समय 6.33 बीसीएम पानी है। यह इनकी कुल क्षमता का 32% है। पिछले साल इस समय इन जलाशयों में क्षमता का 41% पानी था। पिछले 10 साल का औसत 33% है।
पूर्वी क्षेत्र की स्थिति पिछले साल से बेहतर है। असम, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नगालैंड और बिहार के 23 जलाशयों में 9.24 बीसीएम पानी हैष यह इनकी 20.43 बीसीएम की कुल क्षमता का 45.24 प्रतिशत है। इसी समय पिछले साल इन जलाशयों में क्षमता का 40% पानी था। 10 साल का औसत भी 44.94% है।
पश्चिम क्षेत्र के गुजरात और महाराष्ट्र में 49 जलाशयों की मॉनिटरिंग केंद्रीय जल आयोग करता है और उनकी क्षमता 37.13 बीसीएम है। बुलेटिन के अनुसार इनमें इस समय 14.83 बीसीएम पानी है जो इनकी कुल क्षमता का 40% है। पिछले साल इनमें क्षमता का 47% पानी था और 10 साल का औसत 38% है।
केंद्रीय क्षेत्र में आने वाले राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के 26 जलाशयों की कुल क्षमता 48.22 बीसीएम है। इनमें अभी 20.81 बीसीएम पानी है जो इनकी कुल क्षमता का 43% है। पिछले साल यह 47% था और 10 साल का औसत 39% है।
दक्षिणी क्षेत्र के तहत आने वाले राज्यों आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के 42 जलाशय आयोग की मॉनिटरिंग में आते हैं और उनकी कुल क्षमता 53.33 बीसीएम है। इनमें अभी सिर्फ 10.57 बीसीएम पानी है जो इनकी कुल क्षमता का सिर्फ 20% है। पिछले साल इस समय इनमें क्षमता का 34% पानी था और 10 साल का औसत 28% है।