मध्य प्रदेश में धान, ज्वार और बाजरा की सरकारी खरीद के लिए 14 अक्टूबर तक होंगे पंजीकरण
मध्य प्रदेश में खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा की खरीद के लिए किसान अब 14 अक्टूबर तक पंजीकरण कर पाएंगे। पहले पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि 4 अक्टूबर थी, जिसे राज्य सरकार ने बढ़ा दिया है।
मध्य प्रदेश में खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा की सरकारी खरीद के लिए किसान अब 14 अक्टूबर तक पंजीकरण कर पाएंगे। पहले पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि 4 अक्टूबर थी, जिसे राज्य सरकार ने बढ़ा दिया है। किसानों की सुविधा के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री की अगुवाई में किसानों के कल्याण के लिए लगातार नई योजनाएं और कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर किसान को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिले और उन्हें किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि तिथि बढ़ने से अधिक से अधिक किसान पंजीयन करवा सकेंगे और समर्थन मूल्य का लाभ उठा सकेंगे।
खाद्य मंत्री ने किसानों से आग्रह किया है कि निर्धारित समय में पंजीकरण करा लें, जिससे किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो। उन्होंने कहा कि किसान पंजीकरण की व्यवस्था को सहज और सुगम बनाया गया है। किसान स्वयं के मोबाईल से घर बैठे पंजीकरण कर सकेंगे। किसानों को पंजीकरण केन्द्रों में लाईन लगाकर पंजीकरण कराने की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
पंजीकरण की नि:शुल्क व्यवस्था
किसानों के मोबाईल से पंजीकरण करने की सुविधा के अतिरिक्त अन्य व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की गई हैं। ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और तहसील कार्यालयों में बने सुविधा केंद्रों पर पंजीकरण नि:शुल्क किया जा सकता है। इसके अलावा, सहकारी समितियों और सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीकरण केंद्रों पर और एमपी किसान ऐप के माध्यम से भी नि:शुल्क पंजीकरण हो सकता है।
सशुल्क पंजीकरण की सुविधा एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र और निजी साइबर कैफे पर उपलब्ध है। इन केंद्रों पर पंजीकरण के लिए शुल्क 50 रुपये से अधिक नहीं होगा, जिसकी जानकारी कलेक्टर देंगे। पंजीकरण के लिए किसानों को अपनी भूमि के दस्तावेज, आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्रों की जांच करानी होगी। सिकमी, बटाईदार, कोटवार और वन पट्टाधारी किसानों का पंजीकरण केवल सहकारी समितियों द्वारा किया जाएगा, और इनका सत्यापन राजस्व विभाग करेगा।
अपडेट रखें मोबाइल नंबर और बैंक खाता
किसानों को अपनी उपज का भुगतान आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा। अगर आधार लिंक खाते में समस्या आती है, तो पंजीकरण के समय दिए गए बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा। किसान को पंजीकरण के समय बैंक खाता नंबर और IFSC कोड देना अनिवार्य होगा। निष्क्रिय बैंक खाते, संयुक्त खाते या फिनो, एयरटेल, पेटीएम जैसे बैंक खाते मान्य नहीं होंगे। किसानों को अपना आधार और बैंक खाता मोबाइल नंबर से लिंक कर उसे अपडेट रखना जरूरी है।
आधार नंबर का वेरिफिकेशन
पंजीकरण और फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन जरूरी है। यह वेरिफिकेशन ओटीपी या बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से किया जा सकेगा। किसान का पंजीकरण तभी हो सकेगा जब भू-अभिलेख और आधार कार्ड पर दर्ज नाम एक जैसा हो। अगर नाम में कोई अंतर हो, तो सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा।