चालू खरीफ सीजन में रिकार्ड 15.05 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान तिहलन और मोटे अनाजों का उत्पादन घटेगा
चालू खरीफ सीजन 2021-22 में रिकार्ड 15.05 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन होने का अनुमान है। लेकिन मोटे अनाजों और तिलहनों का उत्पादन पिछले साल से कम रहेगा। वहीं दालों का उत्पादन पिछले खरीफ सीजन से अधिक रहने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किए गये खरीफ सीजन के उत्पादन के पहले आरंभिक अनुमानों में यह जानकारी दी गई है
चालू खरीफ सीजन 2021-22 में रिकार्ड 15.05 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन होने का अनुमान है। लेकिन मोटे अनाजों और तिलहनों का उत्पादन पिछले साल से कम रहेगा। वहीं दालों का उत्पादन पिछले खरीफ सीजन से अधिक रहने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किए गये खरीफ सीजन के उत्पादन के पहले आरंभिक अनुमानों में यह जानकारी दी गई है। मंत्रालय का कहना है कि खरीफ सीजन में धान , गन्ना और कपास का रिकॉर्ड उत्पादन अनुमानित है। हालांकि इस साल खरीफ सीजन के दौरान मोटे अनाज और तिलहन का उत्पादन कुछ कम रह सकता है। पिछले खरीफ सीजन में कुल खाद्यान्न उत्पादन का रिकॉर्ड 14.95 करोड़ टन रहा था। अनुमानों के मुताबिक इस साल का खरीफ खाद्यान्न उत्पादन इस रिकार्ड को पार कर जाएगा।
चालू खरीफ सीजन के लिए पहला अग्रिम खाद्यान्न उत्पादन अनुमान जारी करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "खरीफ सीजन में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन 15.05 करोड़ टन होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सरकार की हितैषी नीतियों और किसान और कृषि वैज्ञानिकों का अथक प्रयास से बंपर पैदवार मिलने की संभावना है
कृषि मंत्रालय के मुताबिक 2021-22 के खरीफ सीजन में दालों का उत्पादन बढ़कर 94.5 लाख टन होने की संभावना है। पिछले साल यह उत्पादन 86.90 लाख टन रहा था। है। अरहर जो प्रमुख खरीफ दलहन है, उसका उत्पादन पिछले साल के 42.80 लाख टन से थोड़ा बढ़कर 44.30 लाख टन होने का अनुमान है। हालांकि मोटे अनाज के उत्पादन में कमी आ सकती है। मोटे अनाज को 3.64 करोड़न टन से घटाकर 3.4 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
मोटे अनाज में 2021-22 के खरीफ सीजन में मक्का का उत्पादन पिछले साल के 214 लाख टन से घटकर 212 लाख टन रहने का अनुमान है। इसी तरह तिलहन का उत्पादन भी घट सकता है। इसका उत्पादन 230 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले 240 लाख रहा था। तिलहन फसलों में मूंगफली का उत्पादन इस बार पहले के 85.5 लाख टन से घटाकर 82.5 लाख टन किया जा सकता है। वहीं अगर सोयाबीन की बात करें तो यह पिछले के 128.90 लाख टन की तुलना में घटकर 127.20 लाख टन रह सकता है।