पंजाब सरकार का किसानों से आग्रह, बिजली की कमी को देखते हुए अलग-अलग समय पर करें धान की बुवाई
राज्य सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अगर किसान अलग-अलग समय पर धान की बुवाई करें तो बिजली के साथ-साथ खाद और श्रमिकों की कमी की समस्या से भी निपटा जा सकता है। बिजली मंत्री के अनुसार अगर किसान कृषि विशेषज्ञ की सलाह मानें तो उनकी उपज पर प्रभावित नहीं होगी
बिजली की कमी को देखते हुए पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने किसानों से अलग-अलग समय पर धान की बुवाई करने का आग्रह किया है। विभिन्न किसान संगठनों के साथ बातचीत में मंगलवार को उन्होंने उनसे यह आग्रह किया। हालांकि इससे पहले राज्य सरकार ने जो बिजली सप्लाई और धान की बुवाई का शेड्यूल दिया था किसान उसे मानने से इंकार कर चुके हैं।
राज्य सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अगर किसान अलग-अलग समय पर धान की बुवाई करें तो बिजली के साथ-साथ खाद और श्रमिकों की कमी की समस्या से भी निपटा जा सकता है। बिजली मंत्री के अनुसार अगर किसान कृषि विशेषज्ञ की सलाह मानें तो उनकी उपज पर प्रभावित नहीं होगी।
प्रदेश में धान की बुवाई का सीजन अगले महीने से शुरू होने वाला है। राज्य सरकार ने जो पिछला प्रस्ताव जारी किया था उसके मुताबिक किसानों को 18 जून से धान की बुवाई शुरू करनी थी। यह बुवाई अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग समय पर की जानी थी ताकि बिजली की मांग अचानक बहुत ज्यादा ना बढ़ जाए। लेकिन 8 मई को 16 किसान संगठनों ने राज्य सरकार का शेड्यूल खारिज करते हुए कहा था कि वह 10 जून से ही धान की बुआई करेंगे।
सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक 18 जून से जो बुवाई शुरू होनी थी उसमें सबसे पहले संगरूर, बरनाला, मालेरकोटला, लुधियाना, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब जिलों में बुवाई होनी थी। उसके बाद 22 जून से बठिंडा, मानसा, मोगा, फरीदकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का जिला में किसानों को बुवाई करनी थी। 24 जून से मोहाली, एसबीएस नगर, कपूरथला, मुक्तसर जिलों में और 26 जून से गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर, अमृतसर, तरनतारन जिलों में बुवाई शुरू की जानी थी।