शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सीएम ने दिया एक करोड़ का चेक, बहन को नौकरी
किसान प्रदर्शन के दौरान इसी साल फरवरी में मारे गए युवा किसान शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार ने 1 करोड़ रुपये दिए हैं। साथ ही उसकी बहन को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र दिया है।
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान मारे गए युवा किसान शुभकरण सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को मृतक शुभकरण के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने परिवार को 1 करोड़ रुपये का चेक और बहन को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा। शुभकरण की इसी साल फरवरी में खनौरी बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन के दौरान मौत हुई थी। जिसके बाद से किसान संगठन लगातार परिवार को मुआवजा और नौकरी दिए जाने की मांग उठा रहे थे।
पंजाब के शंभू बॉर्डर पर पिछले चार महीने से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत कई मांगों को लेकर किसान धरने पर बैठे हैं। इसी साल फरवरी में यहां किसानों और सुरक्षाबलों के बीच टकराव हुआ था। इस दौरान युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी। आरोप है कि सुरक्षाबलों द्वारा की गई फायरिंग में शुभकरण की मौत हुई थी। जिसके बाद मामले ने काफी तूल पकड़ा था और किसानों ने इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया था। बाद में मामला हाईकोर्ट जा पहुंचा था। जिसके बाद मामले की जांच के लिए एक न्यायिक कमेटी गठित की गई थी।
ਕਿਸਾਨੀ ਅੰਦੋਲਨ ਦੌਰਾਨ ਖਨੌਰੀ ਬਾਰਡਰ 'ਤੇ ਨੌਜਵਾਨ ਕਿਸਾਨ ਸ਼ੁਭਕਰਨ ਸਿੰਘ ਗੋਲੀ ਲੱਗਣ ਕਾਰਨ ਸ਼ਹੀਦ ਹੋ ਗਿਆ ਸੀ.. ਸ਼ਹੀਦ ਕਿਸਾਨ ਦੇ ਪਰਿਵਾਰ ਨਾਲ ਮੁਲਾਕ਼ਾਤ ਕੀਤੀ... ਵਾਅਦੇ ਮੁਤਾਬਕ ਪਰਿਵਾਰ ਨੂੰ 1 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਦਾ ਚੈੱਕ ਤੇ ਇੱਕ ਜੀਅ ਨੂੰ ਸਰਕਾਰੀ ਨੌਕਰੀ ਦਾ ਨਿਯੁਕਤੀ ਪੱਤਰ ਦਿੱਤਾ...
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) July 9, 2024
ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਆਪਣੀ ਸਰਕਾਰ ਹਰ ਦੁੱਖ-ਸੁੱਖ ਵਿੱਚ… pic.twitter.com/oUSG62iY9y
तीन सदस्यीय कमेटी की अध्यक्षता पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस जयश्री ठाकुर को सौंपी गई थी। उनके साथ हरियाणा के एडीजीपी अमिताभ सिंह ढिल्लों व पंजाब के एडीजीपी प्रमोद बन को कमेटी का हिस्सा बनाया गया था। कमेटी को जांच करनी थी कि शुभकरण की मौत हरियाणा के क्षेत्राधिकार में हुई थी या पंजाब के क्षेत्र में, मौत का कारण क्या था और किस हथियार का इस्तेमाल किया गया था। इसके साथ ही आंदोलनकारियों पर किया गया बल प्रयोग क्या परिस्थितियों के अनुरूप था या नहीं। फिसहाल, मामले की जांच चल रही है। कमेटी की ओर से फाइनल रिपोर्ट आना अभी बाकी है।