टमाटर के फिर बढ़ने लगे भाव, थोक मंडी में मिल रहा 250 रुपये किलो
पिछले दो-तीन दिनों से आवक घटने के चलते टमाटर के भाव एक बार फिर से आसमान छूने लगे हैं। बुधवार को दिल्ली के गाजीपुर स्थित थोक सब्जी मंडी में टमाटर का खुदरा भाव 250 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया। व्यापारियों का कहना है कि अगर हालात यही रहे तो जल्द ही भाव 300 रुपये प्रति किलो का नया रिकॉर्ड बना सकता है। आवक घटने के चलते एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) ने भी रियायती दरों पर दिल्ली में टमाटर की बिक्री बंद कर दी है।
पिछले दो-तीन दिनों से आवक घटने के चलते टमाटर के भाव एक बार फिर से आसमान छूने लगे हैं। बुधवार को दिल्ली के गाजीपुर स्थित थोक सब्जी मंडी में टमाटर का खुदरा भाव 250 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया। व्यापारियों का कहना है कि अगर हालात यही रहे तो जल्द ही भाव 300 रुपये प्रति किलो का नया रिकॉर्ड बना सकता है। आवक घटने के चलते एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) ने भी रियायती दरों पर दिल्ली में टमाटर की बिक्री बंद कर दी है।
भाव में ताजा उछाल के पीछे वजह यह है कि टमाटर उत्पादक राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के चलते उत्पादन प्रभावित हुआ है। इसका असर आपूर्ति पर पड़ा है। गाजीपुर थोक सब्जी मंडी के व्यापारियों ने बताया कि पिछले हफ्ते के मुकाबले टमाटर की आवक घटकर आधी रह गई है। यही वजह है कि दाम में फिर से उछाल देखने को मिल रहा है। वैसे भी जुलाई-अगस्त में मानसून का सीजन होने के चलते टमाटर का उत्पादन सीमित मात्रा में होता है। साथ ही बारिश के चलते वितरण संबंधी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है जिसका असर कीमतों पर पड़ता है।
जुलाई में जब टमाटर ने 200 रुपये प्रति किलो का रिकॉर्ड बनाया था तो सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए नेफेड और एनसीसीएफ के जरिये बड़े शहरों में रियायती दरों पर टमाटर बेचने का फैसला किया था। 14 जुलाई से रियायती दरों पर टमाटर की बिक्री शुरू की गई थी। शुरुआत में नेफेड और एनसीसीएफ के केंद्रों पर 90 रुपये प्रति किलो के भाव पर टमाटर की बिक्री हो रही थी जो बाद में घटकर 70 रुपये प्रति किलो तक आ गई थी। सरकार के प्रयासों से खुदरा बाजार में भी भाव घटकर 100-120 रुपये प्रति किलो हो गया था मगर 15 दिन की नरमी के बाद फिर से भाव आसमान छूने लगे हैं।
व्यापारियों का कहना है कि अभी टमाटर के भाव घटने के आसार कम ही दिख रहे हैं। सितंबर में नई फसल आने के बाद ही भाव में गिरावट आ सकती है।